बुधवार, 31 मार्च 2010

नर्वस 90 का शिकार

धीमी गति से ब्लॉग लेखन करते करते
90 पोस्ट ले दे के लिख पाए हैं
क्रिकेट के बेट्समेन की भांति हो गए हैं
हम नर्वस नाइंटी के शिकार
क्यों मन में उमड़ ही नहीं रहा है
किसी भी किसम का  विचार
विषय  अनेक हैं अनेक हैं प्रसंग
सोचता हूँ कब और कहाँ हो रहा है
ब्लोग्गेर्स सत्संग
जहां पाऊं अपने आप को महान ब्लागरों (ब्लॉगर मित्रों)  के बीच
जहां कोई मेरे विचारों की सूखी बगिया को दे सींच
लहलहाने लगे फिर से सुविचारों के पौधे
नहीं तो गिर जायेंगे हम  इस ब्लॉग की दुनिया में औंधे
जय जोहार .............

5 टिप्‍पणियां:

  1. नही भैया काहे का नर्वस और काहे का नाईंटी।मस्त होकर मारो सेंचुरी,फ़िर डबल और फ़िर ट्रीपल और फ़िर्………………………………॥

    जय जोहार।
    दूसरी बार कमेण्ट कर रहा हूं,पहला वाला पता नही कंहा चला गया,कनेक्शन कट गया था लगता है बीच में।

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  2. are are, namaskaar anil bhai sahab
    dhanyawaad tippani ke liye
    dekhiye is chhoti si tippani ne hi
    phir se kuchh urja paida kar diya
    isiliye to kaha na ki satsang ki awashyakta hai.

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  3. अब तैं कर ले नाईन्टी पार
    झन हो नर्वसता के शिकार

    जय छत्तीसगढ जय जोहार
    बजरंबली ला सुमिर होही बेड़ा पार

    जय जोहार जय जोहार

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  4. काहे नर्वस हैं..बेहतरीन जा रहे हैं. जारी रहिये, शुभकामनाएँ.

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  5. ९० में आकर नार्वसये गये हैं
    कोनो चिंता फ़िक्र की बात नहीं
    धीरे धीरे १०० की तरफ बढिए
    और १०० के बाद फिर से धुअधार लेखन शुरू हो जायेगा

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