शुक्रवार, 26 मार्च 2010

मौसम बदल गे हे


मौसम बदल गे हे
सूरज तीपत हे
आ गे हे गर्मी
कैसे आबे जाबे
अपन काम मा विधर्मी
निपटी से अभी अभी
नवरात अउ रामनवमी के तिहार
बादलो नई घुमड़त हे, नई उमड़त हे मन माँ
कोनो किसम के विचार
अब्बड़ दिन बाद लिखे हौं ये चार आखर ला
मोर जम्मो ब्लॉगर संगवारी मन ला
जय जोहार. ..............

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