बुधवार, 14 जुलाई 2010

ब्लॉग के नशे में चूर ये नाचीज है

और कुछ  नशे के आदी  नही,
ब्लॉग के नशे में चूर ये नाचीज है 
क्योंकि ब्लॉग मे लिखे गए 
हरेक ब्लोगर के लेख उनकी कवितायें 
बड़ी   जायकेदार
और  लजीज हैं
ब्लॉग के सारे मित्र प्रत्यक्ष
हो या परोक्ष, सभी अजीज हैं.


मगर ये कमबख्त 'टाइम'
कहता है 'मैं समय हूँ'
मुझे तुम्हारी परवाह नहीं
है तुम्हे मेरी परवाह
गर  कर ली तुमने  मेरी कद्र
जिंदगी मजे से जियोगे
लोग करेंगे, वाह वाह 
थोड़ा भी चूके 'अवसर'
करते रह जाओगे आह! आह!


करता हूँ यत्न
पोस्ट बाकायदा सभी के पढूं
कुछ अपनी रचना भी गढ़ूं
'समय' को रखते हुए ध्यान
गढ़ पाता नहीं केवल ज्यों की
त्यों रख देता हूँ 
और मुफ्त में अपने अजीज मित्रों 
के आशीर्वचन टिपण्णी के रूप
में ले लेता हूँ 


कुछ सूझ नहीं रहा था 
लिख दिया ये लाइना चार 
अरे कल के रिक्त स्थान को 
भर दें  मेरे यार. 
जय जोहार...... 

11 टिप्‍पणियां:

  1. जय जोहार अउ बने बने गा।
    देखत हंव काय समस्या हवे तेला

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  2. भाई बिलासपुर टाइम्स को बहुत बहुत बधाई।

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  3. एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
    आपकी चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं

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  4. वाह.. वाह गुप्ता जी
    थोड़ा विलंब से पहुंचा
    मगर पहुंच गया
    जानदार और शानदार रचना के लिए बधाई

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