मंगलवार, 6 नवंबर 2012

लिख मारते थे केवल "नाइस"

ब्लॉग्गिंग के शुरू शुरू के वो दिन 
दिन रात कुछ भी पोस्ट चटका 
और केवल टिप्पणियों की संख्या गिन 
चालू थी ब्लॉग वाणी 
जैसे भी हो कुछ न कुछ लिखा करते थे 
कृपा करती थीं माँ  वीणा पाणी (सरस्वती)
लिख नहीं पाते थे कोई रचना 
दिखानी होती थी  सक्रियता 
ज्यादा से ज्यादा ब्लॉग में 
जा टिपियाते थे 
भले रचनाएं पढ़ें या ना पढ़ें 
नहीं मिलती थीं टिप्पणियों के लिए  च्वाइस 
लिख मारते थे केवल "नाइस"
आज ब्लॉग्गिंग के साथ साथ 
है फेस बुक,  ट्विटर ..
हैं मस्त सब उन्ही में 
बच्चों से लेकर मिसेज एंड मिस्टर 
क्यों ! सही है न ब्रदर & सिस्टर?
........जय जोहार 

 

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