बुधवार, 30 जनवरी 2013

दलील उम्र की पेश की

दलील उम्र की पेश की  
थी घटना ह्रदय विदारक
सहानुभूति थी देश की
आई जब कानून की बात
दलील 'उम्र' की पेश की 
वितरक प्रमाण पत्र के कई हैं 
बना है बड़ा बड़ा बाड़ा 
कौन नहीं जानता, 
कैसे चलता है फर्जीवाड़ा .....
जय जोहार ......

शनिवार, 26 जनवरी 2013

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
बगैर क़ानून कायदे के 
क्या जीना है सहज 
मगर अमल में लाता कौन?
संविधान - संरचना पूरी होने की
 तारीख 26 जनवरी
घोषित राष्ट्रीय त्यौहार "गणतंत्र दिवस"
मनता, मनाता पूरा देश 
निभाता औपचारिकता महज!
(2)
संविधान का विधान होत राष्ट्र-हित हेत जान 
भाव जनता में इस बात का जगाइये
वहशी दरिंदों  की शिकार हो न "दामिनी"
मुक़र्रर सजा-ए -मौत शिकारी को कराइये
नक्सली की भेंट अब चढ़ें न निरपराध 
मन्त्र  यंत्र तंत्र का ऐसा जाल जो बिछाइये 
खाके कसम दूर करने की देश- दुर्दशा
दिवस गणतंत्र का परब सब मनाइये 
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं सहित 
जय हिन्द ...जय भारत ....वन्दे मातरम् .....
जय जोहार ...... 
   

बुधवार, 16 जनवरी 2013

टिपियाते थे डेश बोर्ड की मदद से।

हिंदी फॉण्ट ठीक से काम न करने की वजह से टिपियाते थे डेश बोर्ड की मदद से।  कुछ संकलन पढियेगा हुजुर 
(1)
क्या करिएगा .....आज भारतीय संस्कृति
"रूढ़िवादिता" कहलाने लगी है। बहुत
सुन्दर लेख ...जो कर सके परम्परा का
निर्वाह वे करें ...और जो नहीं कर सकते
वे न करें। मगर इन परम्पराओं के
नकारात्मक पहलुओं को प्राथमिकता देते
हुए इनके विलोपन में योगदान न दें
तो ज्यादा अच्छा है। मन के भाव, व्रत
रखने की क्षमता शारीरिक स्थिति के
अनुसार, इन सब चीजों का ध्यान रखते हुए
पालन करें। जोर जबरदस्ती नहीं है भाई ...
आपका लेख अच्छा लगा .....आभार!
(2)
बड़ सुन्दर रचना लगिस, मिलिस हमू ल गियान ।
हमर भाखा बिस्तार बर, धरबो हमू धियान।। 
जय जोहार ...
(3)
ॐ जयंती मंगला काली भद्र का
ली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते
जय माता  जी
(5)
यही स्थिति हमारी है ...ब्लॉग जगत में कहीं लुप्तप्राय ...आपका लेख बहुत ही मार्मिक, अंतर्मन को छू लेने वाली ......आभार!                                                              (6)
वैसे भी .... खास होते हैं "आम" कहाँ
          बिक जाते, मिलते हैं "दाम" जहाँ
          सही कहा आपने ...नही ख़ास को आम लिखेंगे ...
          सादर!
              (7)
दीपावली  की अग्रिम बधाई सहित .....नीड़ को नव ज्योतियों से जगमगाने के लिए पर्व की प्रतीक्षा में ....
सादर ....   पुलिस की नौकरी ...बनाती है व्यक्ति को सख्त
           ड्यूटी में कहाँ मिल पाता है, खुद के लिए वक्त
           खासकर महिला होने के नाते, ख्वाहिशें दब जाती हैं
           मगर परवर दिगार देख रहा है,
           इनके जीवन में भी खुशियाँ जरूर आती हैं ...
           त्योहारों के मनाने के ढंग ..बाजार का दृश्य,
           घर में परिवार के प्रत्येक सदस्यों की विशेषताएं
           ख़ास कर भांजी की ....सभी का सुंदर चित्रण
           दीपावली की अग्रिम शुभकामनाओं सहित ...सादर!
                                                                                   (8)
"सफ़र" हुआ सुहाना भले हुए हम "सफ़र"
राह वही सुगम है,
जरा जन्म से मुक्ति दिला दे,
बाकी है सब सिफर ....
सटीक कथन "कर्म ही राह
दिखलाता है, सुगम बनाता है ... तत्व परक  ..
(9)
"हमारे कर्म ऐसे होने चाहिए की हम जहाँ भी चलें, 
राह की कठिनाइयाँ स्वयं दूर हो जाएँ , डगर पर सफ़र सुहाना लगे"
बहुत कुछ बतला दिया "डगर" की इस तस्वीर ने ....सुन्दर "दर्शन" 
........सादर  
                                                 कौन कौन सी पोस्ट में दिए हैं हम टिपियाय।
                                                 होय दर्द दिमाग (घुटने) में  सुरता कछु नहि आय।।
जय जोहार ....... 

गुरुवार, 10 जनवरी 2013

कायराना हरकत

(1)
हे मातृ भूमि!
 कर्णधारों ने है निभाया
बखूबी अपना पड़ोसी धर्म
 मित्रता कायम रखने या 
यूँ कहें; मित्रता दाखिल कराने
क्या क्या न किया इन्होंने,
कैसे हो सार्थक; जब समझे न 
पड़ोसी इस धर्म का मर्म
रख मिज़ाज नित अपना गर्म
(2)
हे मातृ भूमि! 
पड़ोसी की कायराना हरकत 
 लेती रहेगी कब तक
तेरे सपूतों की जान
  कर लेते हैं "इति श्री" कहकर केवल
"कृत्य है निन्द्य"
"नहीं जायगा व्यर्थ बलिदान शहीदों का"
देश के बड़े बड़े मुखिया श्रीमान
(3)
हे मातृ भूमि!
पड़ोसी नकारता गलती अपनी 
फूँफकारता विषैले नाग की तरह
व्याकुल है, तेरी रक्षा में तैनात
 प्रहरी के रक्तपान को 
(4)
हे मातृ भूमि!
कब अवतरित होगी तेरी कोख से 
आदि शक्ति! 
कब अवतरित होंगे "आज़ाद"
"सरदार भगत" जैसे बलिदानी सपूत
कब होगा?
काम पिपासु वहशी दरिंदों का,
पड़ोसी के नापाक इरादों का नेस्तनाबूत
जय जोहार ......... 

रविवार, 6 जनवरी 2013

रविवारीय "भविष्य-फल"

ज्योतिषविद्या कम से कम हमारे भारत में इतना लोकप्रिय और भविष्य संवारने के लिए विश्वसनीय हो गई  है कि नास्तिकों की नजर भी राशिफल पर पड़ ही जाती है। भले पढ़कर कह दें दो शब्द "सब बकवास". अब भाई बकवास क्यों न कहें जब राशिफल पढ़ने को मिले कुछ इस तरह;
राशिफल से जानिए जानिए ये रविवार क्यों खास रहेगा आपके लिए, शनि योग और ग्रहण योग का आप पर क्या असर होने वाला है?
कुंभ- आज पैसों और परिवार से जुड़े काम होंगे। आपकी राशि का चंद्रमा भाग्य भाव में रहेगा। आपके लिए आज का दिन धन लाभ करवाने वाला भी रहेगा।  किसी बुजुर्ग से सलाह लें। भाग्य साथ देगा। कर्मचारी, अधिकारी आपके काम से संतुष्ट होंगे। सभी का सहयोग प्राप्त होगा।
 लव- अपने पार्टनर की भावनाओं का सम्मान करें। लोगों से मिलने के लिए पहल आपको करनी होगी। 
प्रोफेशन- कार्यक्षेत्र और बिजनेस में अच्छा लाभ मिलने का योग है।
हेल्थ- भोजन में ध्यान रखें और मसालेदार चीजों से बचें।
करिअर- कोई कठिन काम मिलेगा। लगातार मेहनत करनी पड़ेगी। बिजनेस स्टडिज के स्टुडेंट्स को अधिक मेहनत करना पड़ सकती है।
अब आप ही बताइये रविवार तो अवकाश का दिन होता है; कभी कभार अपवाद को छोड़कर
जय जोहार .....
 

शनिवार, 5 जनवरी 2013

कौन काटना चाहता है किससे कन्नी

कौन काटना चाहता है किससे कन्नी 
तब तक आता नही समझ,
जब तक कोई देता ही नहीं रिस्पांस चवन्नी 
हमें उक्त पंक्तियाँ लिखने की आवश्यकता इसलिए महसूस हुई क्योंकि चेहरा-ए-किताब (फेस-बुक) में हमने अपने दो मित्रों को चेटिंग के माध्यम से संपर्क करना चाहा। वे ऑनलाइन दिख रहे थे। केवल नमस्कार लिखा था सोचा कम से कम प्रतिक्रिया तो मिलेगी .....मगर .....जयरामजी की। खैर! अपने में ही बड़ी खामी होगी। पर अपनी खामी स्वतः को दिखती कहां है? चलिए कभी न कभी समझ में आवेगी बात; आखिर लोग हमसे कन्नी क्यों काटने लगे हैं। मन हो जाता है थोड़ा अशांत। अतएव कल ही हमने (जैसा कि  आजकल थोक के भाव में सूक्तियां/उपाय/सूत्र उपलब्ध हैं)एक जगह लिखा पाया "मन को शांत रखने के 10 सूत्र"। हमें लगा यहाँ भी छाप दें। कृपया आप भी पढ़ें;
1. किसी काम में तब तक दखल न दें जब तक कि आपसे पूछा न जाय:- लगता है इसका पालन कड़ाई से हो रहा है तभी यहाँ तक कि प्रतिक्रिया देने का भी समय नहीं है लोगों के पास। 
2. माफ़ करना और कुछ बातों को भूलना सीखें:- जरूर अमल में लाने का प्रयास करेंगे।
3. पहचान पाने की लालसा न रखें:-  
यह भी अनुकरणीय। बिलकुल सही! अपनी पहचान बनानी है तो पहले प्रभु को पहचान, छोड़ आन बान दर्प और शान; फिर देख कौन, क्यूं और कैसे कर सकता है तुझको परेशान। मत हो दुखी; कर जनहित/परहित ऐसा काम कि लोग भले जाने न तेरा नाम बसा लें तेरी तस्वीर अपने दिलों में आम। (भाई ये हमने स्वतः के लिए लिखा है ...)  
4. जलन की भावना से बचें:- अनुकरणीय।
5. रोजाना ध्यान करें .....
6. खुद को माहौल में ढालने की चेष्टा करें 
7. जो कभी बदल नहीं सकता उसे सहना सीखें
8. किसी भी काम को टालें नहीं और ऐसा कोई काम न करें जिससे बाद में आपको पछताना पड़े।
9. उतना ही काटें जितना चबा सकें अर्थात उतना ही काम हाथ में लें जितना पूरा करने की
   क्षमता हो। 
10. दिमाग को खाली न रहने दें
   देखते हैं, कितना प्रतिशत हम अमल में ला पाते हैं .........
जय जोहार !!!!