tag:blogger.com,1999:blog-5032783058649992347.post2825218761525282365..comments2023-10-29T18:45:12.274+05:30Comments on उमड़त घुमड़त विचार: "जात पात पूछे नहीं कोई. हरि का भजे सो हरि का होई."सूर्यकान्त गुप्ताhttp://www.blogger.com/profile/05578755806551691839noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5032783058649992347.post-81808340365561726822010-01-16T07:07:16.045+05:302010-01-16T07:07:16.045+05:30"जात पात पूछे नहीं कोई. हरि का भजे सो हरि का ..."जात पात पूछे नहीं कोई. हरि का भजे सो हरि का होई."........<br /><br /><br />-विचारों का उचित सामनजस्य हो, तो सब ठीक!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5032783058649992347.post-88273916903381576872010-01-15T20:16:51.578+05:302010-01-15T20:16:51.578+05:30पहले शादी ब्याह अपने वर्ग के ही लोगों में करने को ...<b>पहले शादी ब्याह अपने वर्ग के ही लोगों में करने को क्यों कहा जाता था कुछ तो कारण होगा. लड़का हो या लड़की उसके परिवार कि पृष्ठ भूमि, उनके घर का संस्कार यह सब देखा जाता था ताकि आने वाले जनरेशन में भी वही संस्कार बना रहे. और सबसे बड़ी बात दोनों परिवार में सामंजस्य बना रहे. रहन सहन खान पान में समानता हो.</b><br />अभी भी दोनो पक्ष एक पेशे में हों .. तो विवाह में समायोजन में आसानी होती है !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5032783058649992347.post-58676447246015429742010-01-15T19:40:49.138+05:302010-01-15T19:40:49.138+05:30क्या बात है हरी का भजो तो हरिका होय ...सटीकक्या बात है हरी का भजो तो हरिका होय ...सटीकसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.com