बुधवार, 7 अप्रैल 2010

निन्यानबे का फेर

अब तो तारीख बदल गई है
हम आज कार्यालय में रिटर्न दाखिल 
करने वालों को देते थे प्राप्ति स्वीकृति 
और डालते थे तारीख छः चार दस (6+04=10 सन याने दो हजार दस ) 
और मन में याद कर कर के सोच रहे थे
क्या कर देना चाहिए ब्लॉग लेखन यहीं पर 'बस' 
पर सोचा यह पोस्ट क्रमांक निन्यानबे है 
उमड़ गया विचार और लगे हम लिखने 
नर्वस 90 के बाद
अब होने वाला है 99  का फेर 
हमारा यह आंकड़ा नहीं बता रहा है हिसाब रनों का
यह तो कर रहा है बयां कि हमें ब्लॉग जगत में टिके हुए 
हुई है कितनी देर 
99 वां ओवर चल रहा है 
रनों का हिसाब नहीं रख पाए हैं.
मगर हाँ चौके छक्के भले न जड़े हों 
कभी बाउंसर झेलते हुए, कभी अम्पायर कि 
दया दृष्टि से न कभी एल बी डब्लू,  बोल्ड 
होने पर नो बाल का इशारा आदि आदि 
जीवन दान के सहारे ठेलते हुए अपना बेट
ज्यादातर सिंगल्स व डबल्स में ही रन जुटा पाए हैं.
(रन याने ब्लॉगर मिन्त्रों का टिपण्णी के माध्यम से
हौसला आफजाई) 
यहाँ तो एक से एक बल्ले बाज हैं 
ब्लॉग लेखन हेत पूर्ण समर्पित, 
दिन रात उनका केवल यही काज है 
मनवाते हैं अपना लोहा, मानते न कभी हार
अच्छी बात है मनवाइए लोहा, अपने सुविचारों से
करते हैं हम भी अनुसरण, और कहते हैं 
सभी मित्रों को हमारा जय जोहार


 


 

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