मंगलवार, 8 जून 2010

पोस्ट और मित्रों के आशीर्वाद (टिपण्णी)

"ॐ हं हनुमते नमः " = बात पते की +  ताकीद करने का ढंग एकदम से हथौड़े की मार जैसा न हो + रविवार अवकाश, काश बीता होता छुट्टी जैसे 


हमारे ये तीनो पोस्ट तीन (३) का पहाड़ा कह रहा है.  पूछेंगे कैसे?  देखिये तीन पोस्ट पर तो भैया ३-३ दुआएं मिली हैं.  चौथी पोस्ट पर ९ लोगों की प्रतिक्रया मिली है. सो हुआ कि नही? 


तात्पर्य:- ९  = ३+३+३


अनायास  इस तरह के संयोग बन जाते हैं.


जय जोहार.........

11 टिप्‍पणियां:

  1. अजी आप पर बगल वाले बाबा जी की फुल कृ्पा है. इसे उन्ही का पुण्य प्रसाद समझिए:)

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  2. ये तो अच्छे संयोग प्रतीत होते हैं. कुछ दिन में ही ९ X ९ =८१ का संयोग बनता नजर आ रहा है. शुभकामनाएँ.

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  3. आदर्बणीय शर्मा जी प्रणाम! बगल वाले बाबा की क्रिपा तो है ही जिन्होने यहां के लिये द्वार दिखाया और हमे इसके नशे मे चूर कराया। लेकिन आप सबकी क्रिपा द्रिष्टि भी कम नही है जिनके चलते ब्लोग के इस मुकाम तक पहुन्च पाया।

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  4. अपन ब्‍लॉग म आईसकिरिम खात दिल्‍ली के नेता मन के फोटू घलो लगा ले भईया समीर लाल जी के कहना तुरते सच हो जाही.

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  5. चलो बारहवीं टिप्पणी हम कर देते हैं 3+3+3+3= 12 हुए ना

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