"ॐ हं हनुमते नमः " = बात पते की + ताकीद करने का ढंग एकदम से हथौड़े की मार जैसा न हो + रविवार अवकाश, काश बीता होता छुट्टी जैसे
हमारे ये तीनो पोस्ट तीन (३) का पहाड़ा कह रहा है. पूछेंगे कैसे? देखिये तीन पोस्ट पर तो भैया ३-३ दुआएं मिली हैं. चौथी पोस्ट पर ९ लोगों की प्रतिक्रया मिली है. सो हुआ कि नही?
तात्पर्य:- ९ = ३+३+३
अनायास इस तरह के संयोग बन जाते हैं.
जय जोहार.........
बहुत बढ़िया ......
जवाब देंहटाएंजय जोहार.........
badhiya sirji jay johaar
जवाब देंहटाएंअजी आप पर बगल वाले बाबा जी की फुल कृ्पा है. इसे उन्ही का पुण्य प्रसाद समझिए:)
जवाब देंहटाएंये तो अच्छे संयोग प्रतीत होते हैं. कुछ दिन में ही ९ X ९ =८१ का संयोग बनता नजर आ रहा है. शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंआदर्बणीय शर्मा जी प्रणाम! बगल वाले बाबा की क्रिपा तो है ही जिन्होने यहां के लिये द्वार दिखाया और हमे इसके नशे मे चूर कराया। लेकिन आप सबकी क्रिपा द्रिष्टि भी कम नही है जिनके चलते ब्लोग के इस मुकाम तक पहुन्च पाया।
जवाब देंहटाएंअच्छी प्रगति।
जवाब देंहटाएं....निरंतर सफ़लताएं ...बधाई !!!
जवाब देंहटाएंअपन ब्लॉग म आईसकिरिम खात दिल्ली के नेता मन के फोटू घलो लगा ले भईया समीर लाल जी के कहना तुरते सच हो जाही.
जवाब देंहटाएंab to 9 se jayada comments aa chuke hain.
जवाब देंहटाएंचलो बारहवीं टिप्पणी हम कर देते हैं 3+3+3+3= 12 हुए ना
जवाब देंहटाएं