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सोमवार, 4 अप्रैल 2011

नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

या देवी सर्वभूतेषु मात्रि रूपेण संस्थिता 
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः 
(१)
साल दो हजार ग्यारह का, अंग्रेजी मास अप्रेल है  
 कर दिया नाम रोशन देश का वह क्रिकेट का खेल है 
दिन न था एक अप्रैल  का, बना पाता कोई अप्रैल फूल
ये थे धोनी के धुरंधर,   चटा दिए  दिग्गज टीमों को धूल
टीम की एकजुटता, खिलाड़ियों का जुनून, 
देशवासियों की दुआएं, प्रभु ने लिया था सुन  
तारीख थी २ अप्रैल की, दृढ प्रतिज्ञ थे धोनी 
 राष्ट्र- कीर्ति हेत लक्ष्य "विजय" हो, 
कैसे हो सकती थी अनहोनी    
(२)
केवल खेल- दीवानगी, देश प्रेम का हो न  पर्याय 
काज करें रख भाव यह "सर्व  जन हिताय, सर्वजन सुखाय 
नव संवत्सर प्रारम्भ हुआ, है  तिथि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 
माँ भगवती से करें प्रार्थना रहित हो साल आपदा विपदा 
मात्रि स्वरूपा, शक्ति स्वरूपा माँ को बारम्बार प्रणाम है 
त्राहि त्राहि न मचे जग में, करे बिनती आम अवाम है.
आप सभी को नव-वर्ष नवरात्रि की शुभकामनाओं सहित 
जय जोहार ........