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सोमवार, 21 अक्तूबर 2013

देश की ब्यूटी


 देश की  ब्यूटी

तन मन धन बल सब चले, तब जाके पाते सत्ता
बहु-प्रकार के छद्म से, दे जाते सबको को धत्ता

निर्वाचन ड्यूटी सख्त, सेवक सरकारी के लिए
चढ़ते सस्पेंसन की तख़्त, हो जाय चूक तनिक भी

फिर भी कहते हैं;

निर्वाचन प्रक्रिया देश की है  ब्यूटी
जुड़ जा तन मन धन से प्यारे कर तू अपनी ड्यूटी ....
जय जोहार ...

शनिवार, 19 अक्तूबर 2013

दुहाई प्रजातंत्र की

मतदाता और उम्मेदवार दोनों, चुनाव आयोग का निष्पक्ष एवं स्वच्छ चुनाव कराने का संकल्प पूरा करने में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करें, इस प्रजातांत्रिक देश की चुनाव प्रक्रिया की दुहाई अनेकों देश दे रहे हैं ....गौर फरमाइयेगा:
देत दुहाई प्रजातंत्र
की कहें भारत देश महान
फिकर प्रजा की किसको कितनी गये हैं जन जन जान
आया त्योहारों का मौसम, दशहरा दीवाली
समर चुनाव में कूद रहे हैं बड़े बड़े बलशाली
निर्णायक जी सख्त हैं, खातिर निश्पक्ष चुनाव
भय दबाव प्रलोभन जैसे नहीं चलेंगे दांव
हिस्से चुनाव तंत्र के कर्मचारी अधिकारी
विधि विधान से निभा रहे सब अपनी जिम्मेदारी
मुखिया ऐसा छांटिए, हो जिनमे सद्भाव
जनता का दुःख हर सके, करे न गहरा घाव
                                      

जय जोहार.........

रविवार, 6 अक्तूबर 2013

नव-रात्रि की हार्दिक शुभकामनायें

 मां दुर्गा आज पधारि हैं, ग्राम गली हर द्वार। 
 नित वरद हस्त हो हम पर उनका, पायें उनका प्यार॥ 
पूत कपूत हो जात है होय न मात कुमात। 
कर सच्चे मन से मां की सेवा, कष्ट से पायें निजात॥
मां भगवती आपकी मनोकामना पूरी करे……
Photo: मां दुर्गा आज पधारि हैं, ग्राम गली हर द्वार।                                                           नित वरद हस्त हो हम पर उनका, पायें उनका प्यार॥                                                 पूत कपूत हो जात है होय न मात कुमात।                                                             कर सच्चे मन से मां की सेवा, कष्ट से पायें निजात॥                                            
 मां भगवती आपकी मनोकामना पूरी करे…… 
 जय जोहार……

बुधवार, 2 अक्तूबर 2013

बापू बपरा देखत होही देस के खस्ता हाल

बापू बपुरा देखत होही, देस के खस्ता हाल। 
नानकुन नोनी ले दई बहिनी के होगे हे हाल बेहाल॥ 
मार काट दिन रात बढ़त हे, बाढ़त हे चोरी हारी। 
देस के करता धरता करथें, छीना झपटी मारा मारी।
साधू संत के भेस म लुटथें बहिनी बेटी के अस्मत। 
अरबों के असामी बन जाथें वाह रे इन्खर किस्मत। 
मिलिस अजादी, पर भुला डरेन हम नियम संयम अनुशासन। 
रिश्ता नाता के गला घोंट के बन जाथन दु:शासन। 
अरे दाल म काला केहे ल छोड़ के केहे ल परत हे करिया दाल। 
बापू बपरा देखत होही देस के खस्ता हाल। 
गांधी जयंती के उपलक्ष म आप जम्मो ल बहुत बहुत बधई…।