आईए मन की गति से उमड़त-घुमड़ते विचारों के दांव-पेंचों की इस नई दुनिया मे आपका स्वागत है-कृपया टिप्पणी करना ना भुलें-आपकी टिप्पणी से हमारा उत्साह बढता है

रविवार, 29 दिसंबर 2013

नवा साल के जसन

नवा साल के जसन
नवा साल आये बर बांचे हवे दुए दिन,
बूड़े हें तइयारी म ओकर जसन मनाये के.
छांटत होहीं, कोनो छांट घलो डरे होहीं,
ठउर ठिकाना अपन झूमे नाचे गाये के.
जाहिर करे बर ख़ुशी मना कउनो नई करे,
रथे डर मनखे के अतलंग मचाये के.
जय जोहार........

शुक्रवार, 15 नवंबर 2013

चुनाव लड़ने की चाहत



चुनाव लड़ने की चाहत
चाहत लोक हित की
या स्वहित की
स्वहित कैसे कहें
आने लगती है हिचकी

चाहता कानून सबूत
दोषी पाया जान सिद्ध करने
खुले आम ले जाते मदिरा
कपड़े, कम्बल
झुग्गी झोपड़ियों में रहनेवालों के
के बीच वितरण करने

बनाते इन्हें अकर्मण्य
देकर दो-तीन रुपये किलो चांवल,
मुफ्त नमक
कर कैसे सकती जनता नमक हरामी

धन्य है! चुनाव आयोग
"खुले आम" पे लगा लगाम
भले अंदर हो बंटवारा जारी
जय हो जय हो जय हो
निकल पड़े
बड़े धाक जमाने ताबड़ तोड़
सभाएं करते
है सबको कुर्सी प्यारी
जय जोहार ......

शुक्रवार, 1 नवंबर 2013

धन्वन्तरी जयंती/धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं

धन्वन्तरी जयंती/धनतेरस  की हार्दिक शुभकामनाएं 
 कार्तिक कृष्णा त्रयोदशी, धनतेरस कहलाय
प्राकट्य दिवस धन्वन्तरी, यह दिन माना जाय 

धन-देव कुबेर संग संग काल देव यमराज 
रखवाले काया माया के पूजे जाते आज 

नव स्वर्ण रजत आभूषण अरु नव पीतल पात्र 
क्रय शुभ इनके होत हैं तिथि धन तेरस मात्र 

संध्या तेरह दीप जौं दिस दक्षिणहि दिखाय 
अकाल काल नहि प्रान हरे यम किरपा बरसाय

सूर्यकांत करे कामना कभु रहे न विपदा संग 
धनतेरस परब मनाइए धरि उर उत्साह उमंग 

धन्वन्तरी जयंती की हार्दिक शुभकामनाओं सहित 
                                                                                                                                     जय जोहार

सोमवार, 21 अक्तूबर 2013

देश की ब्यूटी


 देश की  ब्यूटी

तन मन धन बल सब चले, तब जाके पाते सत्ता
बहु-प्रकार के छद्म से, दे जाते सबको को धत्ता

निर्वाचन ड्यूटी सख्त, सेवक सरकारी के लिए
चढ़ते सस्पेंसन की तख़्त, हो जाय चूक तनिक भी

फिर भी कहते हैं;

निर्वाचन प्रक्रिया देश की है  ब्यूटी
जुड़ जा तन मन धन से प्यारे कर तू अपनी ड्यूटी ....
जय जोहार ...

शनिवार, 19 अक्तूबर 2013

दुहाई प्रजातंत्र की

मतदाता और उम्मेदवार दोनों, चुनाव आयोग का निष्पक्ष एवं स्वच्छ चुनाव कराने का संकल्प पूरा करने में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करें, इस प्रजातांत्रिक देश की चुनाव प्रक्रिया की दुहाई अनेकों देश दे रहे हैं ....गौर फरमाइयेगा:
देत दुहाई प्रजातंत्र
की कहें भारत देश महान
फिकर प्रजा की किसको कितनी गये हैं जन जन जान
आया त्योहारों का मौसम, दशहरा दीवाली
समर चुनाव में कूद रहे हैं बड़े बड़े बलशाली
निर्णायक जी सख्त हैं, खातिर निश्पक्ष चुनाव
भय दबाव प्रलोभन जैसे नहीं चलेंगे दांव
हिस्से चुनाव तंत्र के कर्मचारी अधिकारी
विधि विधान से निभा रहे सब अपनी जिम्मेदारी
मुखिया ऐसा छांटिए, हो जिनमे सद्भाव
जनता का दुःख हर सके, करे न गहरा घाव
                                      

जय जोहार.........

रविवार, 6 अक्तूबर 2013

नव-रात्रि की हार्दिक शुभकामनायें

 मां दुर्गा आज पधारि हैं, ग्राम गली हर द्वार। 
 नित वरद हस्त हो हम पर उनका, पायें उनका प्यार॥ 
पूत कपूत हो जात है होय न मात कुमात। 
कर सच्चे मन से मां की सेवा, कष्ट से पायें निजात॥
मां भगवती आपकी मनोकामना पूरी करे……
Photo: मां दुर्गा आज पधारि हैं, ग्राम गली हर द्वार।                                                           नित वरद हस्त हो हम पर उनका, पायें उनका प्यार॥                                                 पूत कपूत हो जात है होय न मात कुमात।                                                             कर सच्चे मन से मां की सेवा, कष्ट से पायें निजात॥                                            
 मां भगवती आपकी मनोकामना पूरी करे…… 
 जय जोहार……

बुधवार, 2 अक्तूबर 2013

बापू बपरा देखत होही देस के खस्ता हाल

बापू बपुरा देखत होही, देस के खस्ता हाल। 
नानकुन नोनी ले दई बहिनी के होगे हे हाल बेहाल॥ 
मार काट दिन रात बढ़त हे, बाढ़त हे चोरी हारी। 
देस के करता धरता करथें, छीना झपटी मारा मारी।
साधू संत के भेस म लुटथें बहिनी बेटी के अस्मत। 
अरबों के असामी बन जाथें वाह रे इन्खर किस्मत। 
मिलिस अजादी, पर भुला डरेन हम नियम संयम अनुशासन। 
रिश्ता नाता के गला घोंट के बन जाथन दु:शासन। 
अरे दाल म काला केहे ल छोड़ के केहे ल परत हे करिया दाल। 
बापू बपरा देखत होही देस के खस्ता हाल। 
गांधी जयंती के उपलक्ष म आप जम्मो ल बहुत बहुत बधई…।

गुरुवार, 1 अगस्त 2013

विचार उमड़े घुमड़े जरूर पर बरसे नहीं

                वाकई हम फेसबुक व ब्लॉग दोनों से दूर चल दिए थे । चाहे वह छत्तीसगढ़ की झीरम घाटी की नक्सलियों द्वारा किये गए भीषण नरसंहार की खौफ़नाक घटना हो या शिवधाम "केदारनाथ" का तांडव। मन में विचार उमड़ते घुमड़ते जरूर थे पर हम जड़वत रह  अपने कर-अंगुष्ठ व अंगुलिकाओं को कंप्यूटर के कुंजीपटल पर चलने  नहीं  दिए । नतीजा;  विचार उमड़े घुमड़े जरूर  पर बरसे नहीं।  बड़ी मुश्किल से आज मन कह रहा है प्रायश्चित स्वरूप ही सही,  कुछ तो लिख।
फेस बुक अरु ब्लॉग से,  हो गए थे तनि दूर। 
  घटना नर संहार की , बरनि न जाइ हुजूर।।
पहली घटना अपने प्रांत छत्तीसगढ़ की "झीरम घाटी में "नक्सलियों का ताण्डव", और दूसरी घटना देवभूमि उत्तराखंड में प्रकृति प्रकोप या कहें भगवान् भोलेनाथ का कुपित होना …. हजारों की  संख्या में जनता का अकाल काल के गाल में समां जाना । विनाश लीला नहीं तो और क्या … केदारनाथ धाम के प्रलयंकारी बाढ़ की विभीषिका का सामना कर बचे लोगों का अपनों को खो देने के दुःख में विव्हल हो विलाप करना …. निरंतर टी वी चेनलों में दिखाया जाना मन को झकझोर देता था। आंखों में आंसू डबडबा  जाते थे । घटना के पहले सब कुछ सामान्य । पर बाद में !!!!!  एक दूसरे पर कीचड़  उछालना शुरू ("किनका किनके ऊपर" बताने की आवश्यकता प्रतीत नहीं हुई )।  इसी परिपेक्ष्य में काफी दिनों पहले इस नाचीज द्वारा अपने उमड़ते विचारों की श्रंखला के अंतर्गत "तवा गरम है सेंक लो रोटी" शीर्षक वाली रचना  ब्लॉग मंच पर रखी  गयी थी। ऐसी  ह्रदय विदारक घटनाओं में आहूत हुई आत्माओं को शत शत नमन व अश्रुपूरित श्रद्धांजलि के साथ झीरम घाटी की घटना के दौरान उपजे मन के विचार:-  
"नक्सलियों का ताण्डव"
नकेल नाक नक्सली के कोउ कस नहि पावै 
सवा सवा हाथ हर दिन बढ़ जात है 
खादी खाकी वर्दीधारी देख नथुना फुलावे 
छिप छिप के करत जात प्रान घात है 
"अपनों"  का खोना परिवार कैसे सहि पावै 
गहराई सदमे की नापे न नपात है 
बार बार याद करि सिसक सिसक रोवै 
आंसुओं की धार रोके रुकत न जात है 
कोउ के नयन-नीर लगे घड़ियाली  आंसू
कहत कहत "कृत्य निन्द्य"  न अघात है 
नक्सली समस्या से निजात कैसे देश पावे 
कोउ  काहे कोई समाधान न सुझात है  
                                                                             ……              
                                      जय जोहार……

मंगलवार, 26 मार्च 2013

होली की हार्दिक शुभकामनाएं

होली की हार्दिक शुभकामनाएं 
जय जोहार……।  

शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2013

बसंत पंचमी की हार्दिक बधाई


विद्या दायिनी माँ  सरस्वती  जीवन में ज्ञान की गंगा बहाए। सब समृद्धिशाली बनें। 
सभी को बसंत पंचमी की हार्दिक बधाई .....सादर,
जय जोहार ...............

बुधवार, 30 जनवरी 2013

दलील उम्र की पेश की

दलील उम्र की पेश की  
थी घटना ह्रदय विदारक
सहानुभूति थी देश की
आई जब कानून की बात
दलील 'उम्र' की पेश की 
वितरक प्रमाण पत्र के कई हैं 
बना है बड़ा बड़ा बाड़ा 
कौन नहीं जानता, 
कैसे चलता है फर्जीवाड़ा .....
जय जोहार ......

शनिवार, 26 जनवरी 2013

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
बगैर क़ानून कायदे के 
क्या जीना है सहज 
मगर अमल में लाता कौन?
संविधान - संरचना पूरी होने की
 तारीख 26 जनवरी
घोषित राष्ट्रीय त्यौहार "गणतंत्र दिवस"
मनता, मनाता पूरा देश 
निभाता औपचारिकता महज!
(2)
संविधान का विधान होत राष्ट्र-हित हेत जान 
भाव जनता में इस बात का जगाइये
वहशी दरिंदों  की शिकार हो न "दामिनी"
मुक़र्रर सजा-ए -मौत शिकारी को कराइये
नक्सली की भेंट अब चढ़ें न निरपराध 
मन्त्र  यंत्र तंत्र का ऐसा जाल जो बिछाइये 
खाके कसम दूर करने की देश- दुर्दशा
दिवस गणतंत्र का परब सब मनाइये 
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं सहित 
जय हिन्द ...जय भारत ....वन्दे मातरम् .....
जय जोहार ...... 
   

बुधवार, 16 जनवरी 2013

टिपियाते थे डेश बोर्ड की मदद से।

हिंदी फॉण्ट ठीक से काम न करने की वजह से टिपियाते थे डेश बोर्ड की मदद से।  कुछ संकलन पढियेगा हुजुर 
(1)
क्या करिएगा .....आज भारतीय संस्कृति
"रूढ़िवादिता" कहलाने लगी है। बहुत
सुन्दर लेख ...जो कर सके परम्परा का
निर्वाह वे करें ...और जो नहीं कर सकते
वे न करें। मगर इन परम्पराओं के
नकारात्मक पहलुओं को प्राथमिकता देते
हुए इनके विलोपन में योगदान न दें
तो ज्यादा अच्छा है। मन के भाव, व्रत
रखने की क्षमता शारीरिक स्थिति के
अनुसार, इन सब चीजों का ध्यान रखते हुए
पालन करें। जोर जबरदस्ती नहीं है भाई ...
आपका लेख अच्छा लगा .....आभार!
(2)
बड़ सुन्दर रचना लगिस, मिलिस हमू ल गियान ।
हमर भाखा बिस्तार बर, धरबो हमू धियान।। 
जय जोहार ...
(3)
ॐ जयंती मंगला काली भद्र का
ली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते
जय माता  जी
(5)
यही स्थिति हमारी है ...ब्लॉग जगत में कहीं लुप्तप्राय ...आपका लेख बहुत ही मार्मिक, अंतर्मन को छू लेने वाली ......आभार!                                                              (6)
वैसे भी .... खास होते हैं "आम" कहाँ
          बिक जाते, मिलते हैं "दाम" जहाँ
          सही कहा आपने ...नही ख़ास को आम लिखेंगे ...
          सादर!
              (7)
दीपावली  की अग्रिम बधाई सहित .....नीड़ को नव ज्योतियों से जगमगाने के लिए पर्व की प्रतीक्षा में ....
सादर ....   पुलिस की नौकरी ...बनाती है व्यक्ति को सख्त
           ड्यूटी में कहाँ मिल पाता है, खुद के लिए वक्त
           खासकर महिला होने के नाते, ख्वाहिशें दब जाती हैं
           मगर परवर दिगार देख रहा है,
           इनके जीवन में भी खुशियाँ जरूर आती हैं ...
           त्योहारों के मनाने के ढंग ..बाजार का दृश्य,
           घर में परिवार के प्रत्येक सदस्यों की विशेषताएं
           ख़ास कर भांजी की ....सभी का सुंदर चित्रण
           दीपावली की अग्रिम शुभकामनाओं सहित ...सादर!
                                                                                   (8)
"सफ़र" हुआ सुहाना भले हुए हम "सफ़र"
राह वही सुगम है,
जरा जन्म से मुक्ति दिला दे,
बाकी है सब सिफर ....
सटीक कथन "कर्म ही राह
दिखलाता है, सुगम बनाता है ... तत्व परक  ..
(9)
"हमारे कर्म ऐसे होने चाहिए की हम जहाँ भी चलें, 
राह की कठिनाइयाँ स्वयं दूर हो जाएँ , डगर पर सफ़र सुहाना लगे"
बहुत कुछ बतला दिया "डगर" की इस तस्वीर ने ....सुन्दर "दर्शन" 
........सादर  
                                                 कौन कौन सी पोस्ट में दिए हैं हम टिपियाय।
                                                 होय दर्द दिमाग (घुटने) में  सुरता कछु नहि आय।।
जय जोहार ....... 

गुरुवार, 10 जनवरी 2013

कायराना हरकत

(1)
हे मातृ भूमि!
 कर्णधारों ने है निभाया
बखूबी अपना पड़ोसी धर्म
 मित्रता कायम रखने या 
यूँ कहें; मित्रता दाखिल कराने
क्या क्या न किया इन्होंने,
कैसे हो सार्थक; जब समझे न 
पड़ोसी इस धर्म का मर्म
रख मिज़ाज नित अपना गर्म
(2)
हे मातृ भूमि! 
पड़ोसी की कायराना हरकत 
 लेती रहेगी कब तक
तेरे सपूतों की जान
  कर लेते हैं "इति श्री" कहकर केवल
"कृत्य है निन्द्य"
"नहीं जायगा व्यर्थ बलिदान शहीदों का"
देश के बड़े बड़े मुखिया श्रीमान
(3)
हे मातृ भूमि!
पड़ोसी नकारता गलती अपनी 
फूँफकारता विषैले नाग की तरह
व्याकुल है, तेरी रक्षा में तैनात
 प्रहरी के रक्तपान को 
(4)
हे मातृ भूमि!
कब अवतरित होगी तेरी कोख से 
आदि शक्ति! 
कब अवतरित होंगे "आज़ाद"
"सरदार भगत" जैसे बलिदानी सपूत
कब होगा?
काम पिपासु वहशी दरिंदों का,
पड़ोसी के नापाक इरादों का नेस्तनाबूत
जय जोहार ......... 

रविवार, 6 जनवरी 2013

रविवारीय "भविष्य-फल"

ज्योतिषविद्या कम से कम हमारे भारत में इतना लोकप्रिय और भविष्य संवारने के लिए विश्वसनीय हो गई  है कि नास्तिकों की नजर भी राशिफल पर पड़ ही जाती है। भले पढ़कर कह दें दो शब्द "सब बकवास". अब भाई बकवास क्यों न कहें जब राशिफल पढ़ने को मिले कुछ इस तरह;
राशिफल से जानिए जानिए ये रविवार क्यों खास रहेगा आपके लिए, शनि योग और ग्रहण योग का आप पर क्या असर होने वाला है?
कुंभ- आज पैसों और परिवार से जुड़े काम होंगे। आपकी राशि का चंद्रमा भाग्य भाव में रहेगा। आपके लिए आज का दिन धन लाभ करवाने वाला भी रहेगा।  किसी बुजुर्ग से सलाह लें। भाग्य साथ देगा। कर्मचारी, अधिकारी आपके काम से संतुष्ट होंगे। सभी का सहयोग प्राप्त होगा।
 लव- अपने पार्टनर की भावनाओं का सम्मान करें। लोगों से मिलने के लिए पहल आपको करनी होगी। 
प्रोफेशन- कार्यक्षेत्र और बिजनेस में अच्छा लाभ मिलने का योग है।
हेल्थ- भोजन में ध्यान रखें और मसालेदार चीजों से बचें।
करिअर- कोई कठिन काम मिलेगा। लगातार मेहनत करनी पड़ेगी। बिजनेस स्टडिज के स्टुडेंट्स को अधिक मेहनत करना पड़ सकती है।
अब आप ही बताइये रविवार तो अवकाश का दिन होता है; कभी कभार अपवाद को छोड़कर
जय जोहार .....
 

शनिवार, 5 जनवरी 2013

कौन काटना चाहता है किससे कन्नी

कौन काटना चाहता है किससे कन्नी 
तब तक आता नही समझ,
जब तक कोई देता ही नहीं रिस्पांस चवन्नी 
हमें उक्त पंक्तियाँ लिखने की आवश्यकता इसलिए महसूस हुई क्योंकि चेहरा-ए-किताब (फेस-बुक) में हमने अपने दो मित्रों को चेटिंग के माध्यम से संपर्क करना चाहा। वे ऑनलाइन दिख रहे थे। केवल नमस्कार लिखा था सोचा कम से कम प्रतिक्रिया तो मिलेगी .....मगर .....जयरामजी की। खैर! अपने में ही बड़ी खामी होगी। पर अपनी खामी स्वतः को दिखती कहां है? चलिए कभी न कभी समझ में आवेगी बात; आखिर लोग हमसे कन्नी क्यों काटने लगे हैं। मन हो जाता है थोड़ा अशांत। अतएव कल ही हमने (जैसा कि  आजकल थोक के भाव में सूक्तियां/उपाय/सूत्र उपलब्ध हैं)एक जगह लिखा पाया "मन को शांत रखने के 10 सूत्र"। हमें लगा यहाँ भी छाप दें। कृपया आप भी पढ़ें;
1. किसी काम में तब तक दखल न दें जब तक कि आपसे पूछा न जाय:- लगता है इसका पालन कड़ाई से हो रहा है तभी यहाँ तक कि प्रतिक्रिया देने का भी समय नहीं है लोगों के पास। 
2. माफ़ करना और कुछ बातों को भूलना सीखें:- जरूर अमल में लाने का प्रयास करेंगे।
3. पहचान पाने की लालसा न रखें:-  
यह भी अनुकरणीय। बिलकुल सही! अपनी पहचान बनानी है तो पहले प्रभु को पहचान, छोड़ आन बान दर्प और शान; फिर देख कौन, क्यूं और कैसे कर सकता है तुझको परेशान। मत हो दुखी; कर जनहित/परहित ऐसा काम कि लोग भले जाने न तेरा नाम बसा लें तेरी तस्वीर अपने दिलों में आम। (भाई ये हमने स्वतः के लिए लिखा है ...)  
4. जलन की भावना से बचें:- अनुकरणीय।
5. रोजाना ध्यान करें .....
6. खुद को माहौल में ढालने की चेष्टा करें 
7. जो कभी बदल नहीं सकता उसे सहना सीखें
8. किसी भी काम को टालें नहीं और ऐसा कोई काम न करें जिससे बाद में आपको पछताना पड़े।
9. उतना ही काटें जितना चबा सकें अर्थात उतना ही काम हाथ में लें जितना पूरा करने की
   क्षमता हो। 
10. दिमाग को खाली न रहने दें
   देखते हैं, कितना प्रतिशत हम अमल में ला पाते हैं .........
जय जोहार !!!!