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गुरुवार, 26 दिसंबर 2019

गरहन

गरहन

गरहन  सूरज  चाँद ला,  धरथे  जी हर साल।
चंदा   पृथवी  रेंगथें,  अलग  अलग  हे चाल।।
अलग अलग हे चाल,  एक  लाइन मा आथे।
धरती   सूरज   बीच,  खड़ा  चंदा  हो  जाथे।।
देस राज मा 'कांत', आय झन काँही  अलहन।
जन  मानस बर लाय, नतीजा बढ़िया गरहन।।
सादर......
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
सूर्यकान्त गुप्ता, 'कांत'
सिंधिया नगर दुर्ग(छ.ग.)
(चित्र गूगल से साभार)

सोमवार, 23 दिसंबर 2019

खामी

खामी...


खामी अब बिल्कुल नहीं, तुझमें ई. व्ही. एम.।
दिखा  दिया  सबको यहाँ, मतदाता  का प्रेम।।
मतदाता   का  प्रेम, समझ मत देख  फायदा।
कारण   केवल  लोग,  निभाते  नहीं  वायदा।।
कौन नहीं पर आज,  प्रलोभन  के  अनुगामी।
प्रथम झाँक ले 'कांत', स्वयं भीतर की खामी।।


सादर प्रणाम सहित...
सूर्यकान्त गुप्ता, 'कांत'
सिंधिया नगर दुर्ग(छ.ग.)

गुरुवार, 28 नवंबर 2019

छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस

मोर राज के रहवइया जम्मो झन ल 
राज भाषा दिवस के बधाई देवत
गाड़ा गाड़ा बधाई जी...

मान  हिंदी   के  हवै  जस  मोर  भाखा  के  घलो।
अमल मा एला तो लाये, बर उदिम अब कर घलो।।१।।

व्याकरण  सँग  पोठ  एकर शब्द के भंडार हो।
पाठशाला मा पढ़ाये बर उदिम अब कर घलो।।२।।

आय   गुरतुर   मोर   बोली   प्रेम  रस मा हे पगे।
लाज  बोले  मा हटाये बर उदिम अब कर घलो।।३।।

गुरु 'अरुण' के पा कृपाA हम छंद ला जाने हवन।
दायरा एकर बढ़ाये बर उदिम अब कर घलो।।४।।

'कांत' खाली  गोठ नो  है, आय भाखा  पोठ जी।
पोठ एला अउ  बनाये बर उदिम अब कर घलो।।५।।

हमर राज के गुरतुर भाखा
छत्तीसगढ़ी के राजभाखा घोषित होय के 12 साल पूरे के 
खुशी मनावत आप मन ला राजभाषा दिवस के गाड़ा गाड़ा बधाई...जय जोहार...

सूर्यकान्त गुप्ता, 'कांत'
सिंधिया नगर दुर्ग(छ.घ.)