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गुरुवार, 9 अप्रैल 2009

चुनावी बरसात
बरसात तो आ गयी
हैधीरे धीरे निकलेंगे मेंढक बिलों से
जनमानस के घर के आगे टर टर
कर पूछेंगे अपने दिलों से
कि हमने क्या सही में अपना फ़र्ज़ निभाया है
दिल से मिलेगा उत्तर "नहीं"
फिर भी नाक लम्बी कर मागेंगे जनता से वोट
और जीत जाने पर अपने घरों में छापेंगे नोट
तो ऐसे हैं आज के मेंढक
मेंढक तो फिर भी ठीक है
सही समय बरसात आने का संकेत देते हैं
ये ऐसे मेंढक हैं जो देश में अकाल लाने का संकेत देते हैं.

2 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

blogjagat mai aapka swaagat hai.

Brajendra Kumar Gupta ने कहा…

आपकी शख्शियत काफी सराहनीय है आप अपने महकमें से इतना समय निकाल लेते है कि आप कविताए और लेखन का भी कार्य कर लेते है ।