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शनिवार, 17 दिसंबर 2011

नहीं कहेंगे, "चाचू पसीने क्यों आ रहे हैं"


हुए  ब्लॉग लेखन से दूर,
पखवाड़ा क्या,  बीत गया महीना
जारी है शीत लहर, 
लिखने में क्यों आ रहा है पसीना
नहीं कहेंगे, "चाचू पसीने क्यों आ रहे हैं"
न ही सुनेंगे "ये अन्दर की बात है"
फिर से यहाँ आने का बना  जरिया 
नागपुर रेलवे स्टेशन  में
ब्लॉग-जगत के यायावर से
हुई मुलाक़ात है
 मौजूद थीं आदरणीया श्रीमती संध्या शर्मा 
संग संग थे आदरणीय शर्मा श्रीमान
खासियत यही  तेरे  ब्लॉग की दुनिया
"शख्सियतों" से कराता जान पहचान
......जय जोहार!!!!

5 टिप्‍पणियां:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

ब्लॉग जगत के लोगों से मिलना हुआ ..बधाई ...

संध्या शर्मा ने कहा…

आप लोगो के लेखन से हम पहले से परिचित थे लेकिन आप सभी से आमने सामने परिचित होना हमारे लिए भी सौभाग्य की बात थी... बड़ी प्रसन्नता हुई आपसे मिलकर...आभार आपका

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

अड़बड़े पसीना आईस गौ - :))

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद ने कहा…

फिर भी लोग कहते ब्लाग है आभासी दुनिया!!!!!

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

आपस में ब्लॉग जगत के लोगो से मिलना सौभाग्यपूर्ण है और एक अच्छी शुरुआत है ....

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