हुए ब्लॉग लेखन से दूर,
पखवाड़ा क्या, बीत गया महीना
जारी है शीत लहर,
लिखने में क्यों आ रहा है पसीना
नहीं कहेंगे, "चाचू पसीने क्यों आ रहे हैं"
न ही सुनेंगे "ये अन्दर की बात है"
फिर से यहाँ आने का बना जरिया
नागपुर रेलवे स्टेशन में
ब्लॉग-जगत के यायावर से
हुई मुलाक़ात है
मौजूद थीं आदरणीया श्रीमती संध्या शर्मा
संग संग थे आदरणीय शर्मा श्रीमान
खासियत यही तेरे ब्लॉग की दुनिया
"शख्सियतों" से कराता जान पहचान
......जय जोहार!!!!
5 टिप्पणियां:
ब्लॉग जगत के लोगों से मिलना हुआ ..बधाई ...
आप लोगो के लेखन से हम पहले से परिचित थे लेकिन आप सभी से आमने सामने परिचित होना हमारे लिए भी सौभाग्य की बात थी... बड़ी प्रसन्नता हुई आपसे मिलकर...आभार आपका
अड़बड़े पसीना आईस गौ - :))
फिर भी लोग कहते ब्लाग है आभासी दुनिया!!!!!
आपस में ब्लॉग जगत के लोगो से मिलना सौभाग्यपूर्ण है और एक अच्छी शुरुआत है ....
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