स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक बधाई, सभी मित्रों को
आजादी की छः सठवी सालगिरह
सोचता हूँ ; आम आदमी से लेकर
देश के कर्णधारों के बीच होती नहीं
इस बात पर जिरह
कि खूब कमायें खूब खाएं
पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान
न पहुचाएं
मानता हूँ आम आदमी
होता है तमाम घोटालों का शिकार
लगा देता है झड़ी आलोचनाओं की
भूल जाता है उसके पास क्या है
समाधान के लिए इलाज
सोचता नहीं,
लगी है उसी की रकम
सार्वजनिक जन-सुविधा के लिए
उपलब्ध कराये गए संसाधनों में
फिर भी; बजाय उसकी हिफाजत के
लग जाता है ध्वस्त करने में .
क्या यही है स्वतंत्रता ?
जय जोहार .......
2 टिप्पणियां:
बढ़िया प्रस्तुति... स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक बधाई...
आजादी तिहार के गाड़ा गाड़ा बधई,
अइसनहे तिहार-बार के एक ठिक पोस्ट लगा दे करव, तहां हाजरी लग जथे :P
एक टिप्पणी भेजें