"होनहार बीरबान के होत चीकने पात"
प्रत्येक माँ बाप की दिली तमन्ना होती है की उनकी संतान संस्कारिक कुशाग्र बुद्धि वाला और कुछ कर दिखाने का जज्बा रखने वाला हो. कहते हैं न "पूत कपूत तो का धन संचय. पूत सपूत तो का धन संचय" मेरे अनुसार शायद इसका अर्थ यह होना चाहिए; माँ बाप के लिए संस्कारिक संतान ही सबसे बड़ा धन होता है. कपूत निकला तो संचय किया हुआ धन व्यर्थ चला जाएगा और सपूत निकला तो खुद धन कमा लेगा. बच्चे की उपलब्धि पर जितनी ख़ुशी उपलब्धि हासिल करने वाले को नहीं होती उतनी माँ बाप को होती है. इसका अनुभव दर-असल हमें आज विशेष रूप से हुआ. हमारा बालक "सुरम्य गुप्ता" वैसे तो बचपन से ही पढ़ाई के प्रति समर्पित रहा है, कोशिश यही रहती थी की शत प्रतिशत अंक अर्जित किया जावे. यदि १-२ नंबर कम मिलते थे तो आँखों से आंसू निकलना शुरू. हमें लगा कहीं यह स्वभाव आगे चलकर अवसाद को न निमंत्रण दे दे. धीरे धीरे उसे समझाते गए, नर्वसनेस को अपने जीवन में स्थान नहीं देने के लिए. माध्यमिक शिक्षा ९४% अंक के साथ उत्तीर्ण किया. सी बी एस ई पाठ्यक्रम रहा. गणित उसका प्रिय विषय है. कोचिंग भी लिया और इस वर्ष बारहवीं की परीक्षा ८९% (भौतिक, रसायन व गणित में क्रमशः ९४, ९१, व ९५ प्रतिशत) अंक प्राप्त कर उत्तीर्ण किया. सबसे अहम् बात रही भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई आई टी -जे ई ई ) प्रवेश परीक्षा, जिसमे केवल ९,५०० - १०००० छात्र चुने जाते हैं, ४,३०५ रेंक के साथ उत्तीर्ण कर लेना. अभी ए आई इ इ इ का परिणाम आना बाकी है. इस परीक्षा में लगभग पांच लाख छात्र भाग लिए थे. इसके अलावा बिट्स पिलानी के लिए भी पात्रता हासिल कर लिया है. आज भारतीय स्टेट बैंक, क्षेत्रीय व्यवसाय शाखा भिलाई द्वारा आई आई टी में चयनित छात्रों के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था. वैसे भिलाई शहर छत्तीसगढ़ प्रांत का "एजुकेशन हब" कहलाता है. हर साल इस शहर से ही औसतन ४०-५० छात्र चयनित होते हैं. करीब पचास चयनित छात्रों ने हिस्सा लिया. प्रोत्साहन राशि स्वरुप प्रत्येक छात्र को १००१ रुपये प्रदान किया गया. हमने भी इस कार्यक्रम में पत्नी श्रीमती सुरेखा गुप्ता (वे स्वयं भारतीय स्टेट बैंक में कार्यरत हैं), बिटिया सुरभि गुप्ता (दन्त चिकित्सा निकाय में तृतीय वर्ष की छात्रा) व बेटा सुरम्य गुप्ता के साथ हिस्सा लिया. यही वह क्षण था, हम सभी के लिए हार्दिक ख़ुशी का. बिटिया भी माध्यमिक व उच्च्तार माध्यमिक परीक्षा अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण कीं. वैसे मै उसे ऑलराउंडर कहता हूँ क्योंकि वह उतनी ही रूचि के साथ सांस्कृतिक गतिविधियों में बढ़ चढ़ कर हिसा लेती है. टॉप रेंक वाले तो कोटि कोटि बधाई के पात्र हैं ही, अपने बेटे सहित उन सभी विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई देना चाहूँगा जिन्होंने यह परीक्षा उत्तीर्ण की है. अपने समस्त स्वजनों/ आत्मीयजनो/ मित्रों से उनकी प्रत्यक्ष/प्ररोक्ष दुआओं के लिए भी आभारी रहूँगा साथ ही बच्चे के उज्जवल भविष्य के लिए उनका आशीर्वाद चाहूँगा......
जय जोहार..........
2 टिप्पणियां:
होनहार बिरवां के होत के चीकने पात।
श्रमवीर को हमेशा सफ़लता मिलती ही है, बस आवश्यकता होती है धैर्य की।
सुरम्य को ढेर सारा आशीर्वाद एवं शुभकामनाएं।
आगे बढ कर माँ-बाप कूल खानदान एवं देश प्रदेश का नाम रोशन करे।
मैं उसके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ।
अगर बिट्स पिलानी में भर्ती करना है तो सम्पर्क कर लेना। मैं वहां कई बार जा चुका हूँ।
suramya ko bahut bahut badhai.
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