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गुरुवार, 13 अप्रैल 2017

मतदाता का मोल

मतदाता का मोल
मतदाता का मोल तो, दारू कंबल नोट।
इतने में ही बिक रहे, बेशकीमती वोट।
बेशकीमती वोट,आज की बात नही है।
संसद ऐसी चोट, आदि से खात रही है।।
रहें न आज सपूत, कोइ भारत माता का।
दारू कंबल नोट मोल तो मतदाता का।।

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जय जोहार ...
सिंधिया नगर दुर्ग