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शनिवार, 17 अक्तूबर 2009

आओ करें स्वागत नव वर्ष का

आया है नया साल आओ करें स्वागत हम सब मांग लें सब कुछ प्रभुजी से जिनकी लीला है अजब गजब करें प्रार्थना कर-बद्ध प्रभु से दे हमें सद्बुद्धि वो परमार्थ की भावना जगा मिटा दे स्वार्थ की कुबुद्धि वो उत्साह हो ऊर्जा हो हममें और दिल में हो उमंग जोश भी हो जश्न भी हो जिद्द हो जीतने की जंग समझ न ले कोई हमें मजबूर बेबस औ लाचार तरेरे न आँखे इस ओर फैलाके आतंक अत्याचार जान के अंजाम जंग का क्यों बढ़ रहे तेरे कदम भूल न तू इतिहास, कम नही ताक़त हमारी कर देंगे तेरे नाक में दम ले के जज्बा हम ये दिल में नए साल का जश्न मनाते हैं बाजु-ऐ-कातिल में कितना दम है ये दिखलाते हैं जय हिंद जीतने

8 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

स्वागत है हिन्दी ब्लॉगजगत में.

सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

सादर

-समीर लाल 'समीर'

Unknown ने कहा…

वाह !

बहुत ख़ूब लिखा


आपको और आपके परिवार को दीपोत्सव की

हार्दिक बधाइयां

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

आप सौभाग्यशाली मित्रों का स्वागत करते हुए मैं बहुत ही गौरवान्वित हूँ कि आपने ब्लॉग जगत में दीपावली के दिन पदार्पण किया है. आप ब्लॉग जगत को अपने सार्थक लेखन कार्य से आलोकित करेंगे. इसी आशा के साथ आपको दीप पर्व की बधाई.
ब्लॉग जगत में आपका स्वागत हैं
http://adahakegoth.blogspot.com

सूर्यकान्त गुप्ता ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Meher Nutrition ने कहा…

Very Happy Diwali to You and Family...May Avatar Meher Baba Bless You All..
Cordially Invited to
lifemazedar.blogspot.com
kvkrewamp.blogspot.com
kvkrewa.blogspot.com
Yours
Chandar Meher

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर ने कहा…

आज बस राम-राम। दोस्त को भी और उनको भी जो मुझे अपना दुश्मन समझतें हैं या वो मेरे दुश्मन है। राम राम अपनों को भी,परायों को भी। अच्छे को भी, बुरे को भी।
इस धरा पर रहने वाले सभी जीवों को, जड़ को, चेतन को, अवचेतन को दिवाली की राम-राम।

डॉ. राधेश्याम शुक्ल ने कहा…

deep parv ki badhayee.

सूर्यकान्त गुप्ता ने कहा…

sabhi mere adarniya hausla afjai karnewalon ko
sadar naman. Mai koi sahityakar ya kavi nahi hun bas yun hi bhav ate hain man me to tuti futi bhasha me likh baithta hun aur asha karta hun ki is kshetra me aap logon se marg darshan prapt hota rahega. Mujhe apni galti ujagar karne walon ke liye koi khed nahi hoga apitu khushi hogi kabir ke is dohe ko yaad kar

"Nindak niyare raakhiye aangan kuti chhavay
bin pani sabun bina nirmal kare subhaay"

AAP SABHI KO SADAR NAMASKAR
WA DEEPAWALI KI NA KEWAL
DEEPAWALI, BADI EKADASHI
POORNIMA, KE SAATH
IS KARTIK MAAH
KI BAHUT BAHUT BADHAI