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रविवार, 6 दिसंबर 2009

ब्लॉग के आग के लपट

ब्लॉग के आग के लपट कहाँ कहाँ  फैले हे
तेला आज जानेव ब्लॉग- संगवारी संग मिलके
धन्य हो ब्लॉगर भाई हो अभी तक ब्लॉग में
लिखाई होत रहिस, बने लागिस आज संग
माँ खाएन मेछराएन गोठियाएन हिल मिलके
फेर एक ठन बात ला कैहूँ, झन पियो खाव अतेक जादा
के नौबत आवै उछरे के, हिम्मत नई होवे ककरो घर माँ घुसरे के

भाई ललित, शरद, पाबला जी, अइयर साहेब  संजीव, राजकुमारजी,
अउ सबले जादा भाई अनिल पुसदकर जी सबो झन ला मोर नमसकार

अइसने जुड़े रहन बने रहै सबके प्यार.


9 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

अइसने जुड़े रहन बने रहै सबके प्यार.

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

झन पियो खाव अतेक जादा
के नौबत आवै उछरे के,
ये दे टिपिया देव गा, कईसे करबे कभु कभु तबि्यत ला ठीक करे बर उछरे ला घलो परथे। हा हा हा

RAJNISH PARIHAR ने कहा…

का बात की है भाई ....

रवि रतलामी ने कहा…

बने गोठियाये संगवारी.

36solutions ने कहा…

जय हो

शरद कोकास ने कहा…

अतेक जल्दी रहीस तोला उछरे के .. पाबला जी आत है संगी हमर चिंतन शिविर के रिपोट ला लेके .. बने धीरज धर .. ओकर बाद मै आहूँ फेर ते आबे ..फेर अनिल भैया फेर संजीब .. चलने दे सब ला..

सूर्यकान्त गुप्ता ने कहा…

आदरणीय समस्त ब्लॉग मित्रों को मेरा नमस्कार! साथ ही टिपण्णी के द्वारा प्रेरित करते रहने लिए बहुत बहुत धन्यवाद्. एक एक करके ब्लास्टिंग होती रहे. और जिस तरह से मोल्ड में अनेक प्रकार कि वस्तुएं कास्ट कि जाती हैं उसी प्रकार इसमें मोल्ड मिलता रहे और नित नए नए विचारों की कास्टिंग होती रहे.

कडुवासच ने कहा…

... बने गोठियावत हव गा, सबो झन ला जोहार !!!

संजय भास्‍कर ने कहा…

आदरणीय समस्त ब्लॉग मित्रों को मेरा नमस्कार! साथ ही टिपण्णी के द्वारा प्रेरित करते रहने लिए बहुत बहुत धन्यवाद्