नसबंदी या सांसबंदी (जान ले लेना)
(ये हैं छत्तीसगढ़ के
स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल (सबसे बाएं)। सरकारी लापरवाही से जहां एक के
बाद एक कई मौतें हो रही हैं, उस हालात में वे सिम्स में इस तरह मुस्कुराते
दिखे। अस्पताल में परिजनों का हालचाल जानने के लिए मुख्यमंत्री रमन सिंह
और स्थानीय विधायक राजू क्षत्री भी पहुंचे।)
रायपुर/बिलासपुर। नसबंदी शिविर में ऑपरेशन के बाद होने वाली
मौतों का आंकड़ा मंगलवार को 7 से बढ़कर 13 तक जा पहुंचा। अस्पतालों में
भर्ती 70 महिलाओं में से 25 की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। इन घटना के
बाद रायपुर से दिल्ली तक जबर्दस्त प्रतिक्रिया हुई है। सरकारी महकमे में
खलबली मच गई है। म्यांमार से आसियान सम्मेलन में जाते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ने टेलीफोन पर मुख्यमंत्री रमन सिंह से बात की और घटना की जानकारी ली।
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा दिल्ली एम्स के डॉक्टरों की एक टीम बुधवार को
पीड़ित महिलाओं के इलाज के लिए बिलासपुर भेज रहे हैं। इधर मुख्यमंत्री
मौके पर पहुंचे और आनन-फानन में स्वास्थ्य संचालक डॉ. कमलप्रीत सिंह को हटा
दिया। सीएमएचओ समेत चार को डॉक्टरों को निलंबित भी कर दिया है। दूसरी ओर
घटना के विरोध में कांग्रेस ने बुधवार को छत्तीसगढ़ बंद का ऐलान किया है।
(दैनिक समाचार पत्र "दैनिक भास्कर" से साभार) … मन उद्वेलित हुआ और उमड़े विचार कुछ इस तरह
नसबंदी के नाम पर, कैसा शिविर लगाय।
जनसंख्या दर रोकने, प्राणहि हर ले जाय॥
जन गरीब के जान की कौन करे परवाह।
साफ़ सफ़ाई के लिये, इतने लापरवाह॥
पाप पुण्य की थाह तो, ले केवल भगवान.
बन दुश्मन इंसान का, हरे प्रान इंसान.
शर्म प्रबंधन क्यों करे, खाना पूर्ति हो लक्ष्य
नर-नारि ही हो गये, जैसे पदारथ भक्ष्य........
जय जोहार...
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