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शुक्रवार, 9 अप्रैल 2010

फकीरा चल चला चल

अनूठा व्यक्तित्व, सहज, सरल,
नित रह तत्पर पर हित
किसने डाला आपके काज मे खलल
हो गया व्यग्र व्यथित तव चित्त
''ईर्ष्या केवल विनाश ही नही, विकास का भी कारक''
जब जब मन व्यथित हो, कर चिन्तन,
बना इसे शत्रु के लिये मारक
जारी रख ब्लाग लेखन, हँसते हँसाते पल हर पल
फकीरा चल चला चल
साथियों हमारा एक मित्र ब्लाग को अलविदा कह रहा है
उन्ही को समर्पित है यह पोस्ट
जय जोहार………।

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