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शनिवार, 24 अप्रैल 2010

"जल ही जीवन है"

पड़ रही है कैसी गर्मी 
मर रहे हैं सभी; 
क्या सरकारी, गैर सरकारी
चाहे बंधुआ हो, या हो  
दैनिक वेतन भोगी कर्मी 
पिछले हफ्ते हमने देखा:-
ज्योतिषी हमेशा अपने "भाग्य" का नहीं सोचते 
"ज्योतिष विद्या" के विरोधी इन्हें रहते हैं कोसते 
अखबार के रविवारीय अंक में छपा था 
सभी बारह राशियों पर जल तत्व का प्रभाव 
लिख़ा था "जल व्यर्थ न गंवाएं", फिक्र न करें 
आपके जीवन में नहीं रहेगा सुख सुविधा का अभाव 
सो सीख लें, जल संग्रह करना, 
नहीं तो मर जायेंगे इस भीषण गर्मी में, 
ज्योतिषियों ने बताया नहीं,  ऐसा कभी न कहना
"जल ही जीवन है" आयें इस भीषण गर्मी में
जलने के बजाय, जल बचाएं, राहगीरों को,
प्यासों को जल अवश्य पिलायें  
जय जोहार.............

4 टिप्‍पणियां:

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

जल बिन जर जाही जिनगानी
झन बन मनखे तै हां अभिमानी

जल ला बचाव, सहराव संगी
बांच जाही जम्मो के जिनगानी

जय जोहार

सूर्यकान्त गुप्ता ने कहा…

ए दैइसे,ललित भाई
तुरत दान महाकल्यान
पाय लागी महराज
अउ का होवत हे सियान

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

सबसे बड़ी समस्या बढ़ती जनसंख्या है जिसके कारण यह सब दिक्कतें आ रही हैं... जनसंख्या कम करने को सरकार कानून नहीं बना सकती ..

sansadjee.com ने कहा…

बिन पानी सब सून...........