त्यौहार और रिश्ता नाता
नाता रिश्ता मित्रता, टूट कभी न जाय.
होवे पर्व विशेषता, जोड़े रखता जाय..
वैसे तो बारहों महीने कोई न कोई व्रत त्यौहार हमारे देश में मनता रहा है फिर भी त्योहारों की श्रृंखला सावन मास की हरियाली से प्रारंभ हो कम अंतराल में कार्तिक पूर्णिमा तक चलते रहती है. प्रत्येक पर्व में व्यक्ति अपनी खुशहाली के साथ साथ दूसरों की खुशहाली के लिये भी दुआ मांगता है. रिश्तों को अटूट बनाये रखने में भाई बहन का प्रमुख पर्व रक्षा बंधन और भाई दूज, वहीं पति-पत्नी के लिये करवा चौथ, हरतालिका व्रत आदि आदि है...अतएव आयें; बैर भाव छोड़ सब साथ मिलकर प्रेम प्यार जिंदा रखते हुये पर्वों का आनंद लेते चलें ...
जय हिंद, जय भारत...
नाता रिश्ता मित्रता, टूट कभी न जाय.
होवे पर्व विशेषता, जोड़े रखता जाय..
वैसे तो बारहों महीने कोई न कोई व्रत त्यौहार हमारे देश में मनता रहा है फिर भी त्योहारों की श्रृंखला सावन मास की हरियाली से प्रारंभ हो कम अंतराल में कार्तिक पूर्णिमा तक चलते रहती है. प्रत्येक पर्व में व्यक्ति अपनी खुशहाली के साथ साथ दूसरों की खुशहाली के लिये भी दुआ मांगता है. रिश्तों को अटूट बनाये रखने में भाई बहन का प्रमुख पर्व रक्षा बंधन और भाई दूज, वहीं पति-पत्नी के लिये करवा चौथ, हरतालिका व्रत आदि आदि है...अतएव आयें; बैर भाव छोड़ सब साथ मिलकर प्रेम प्यार जिंदा रखते हुये पर्वों का आनंद लेते चलें ...
जय हिंद, जय भारत...