ॐ गं गणपतये नमः
ॐ नमश्चंडिकायै
ॐ हं हनुमंताय नमः
ॐ नमः शिवाय
ॐ बृं बृहस्पतये नमः
ॐ वाणी हिरण्यगर्भाभ्याम् नमः
सर्वेभ्यो देवेभ्यो नमः
मातृ पितृ चरणकमलेभ्यो नमः
कर लो अर्जन ज्ञान का, ज्ञानी गुरु के शिष्य।
वर्तमान पर ध्यान दो, भूलो भूत भविष्य।।
भूलो भूत भविष्य, अध्ययन लक्ष्य ठानकर।
करो चित्त एकाग्र, साधना मंत्र मानकर।।
अवसर यह अनमोल, ज्ञान की झोली भर लो।
कमा जगत में नाम, सार्थक जीवन कर लो।।
महाबली हनुमान, दास सखा प्रिय राम के।
गुरुवर कृपानिधान, तुम सम दूजा कौन है।।
सादर.....
शुभ बृहस्पतिवार
आपका दिन मंगलमय हो
सादर नमस्कार प्रणाम
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सूर्यकान्त गुप्ता
सिंधिया नगर दुर्ग(छ.ग.)