बदतर बस्तर
कुछ दिन पहले जवानों की ह्त्या के सन्दर्भ में उमड़े विचार …
अगुआ चार जवान ला, करके ले लिन जान।
वाह रे निर्दयी नक्सली, मुखिया घलो महान।।
टी वी चेनल मा दिखैं, करतेच एके बात।
छोड़वाये बर लगे हें, बिन रूके दिन रात ।।
छोड़वाये के मायने, होथे का हर प्रान।
कतको बलि चढ़ जात हें, मोरे राज महान।।
काबर एकर खातमा, कर सकैं न कोय।
घड़ियाली आंसू बोहा, पाप अपन सब धोंय।।
बस्तर बदतर होत हे, तर तर खून बोहाय।
पिटे ढोल के बोल हे, अब नई बख्शे जाय।।
बोली सुन सुन फाट गे, हिरदे तोरो ढोल।
नाक सवाया बाढ़थे, कतको खोलौ पोल।।
शहीद होय आत्मा बर शांति के प्रार्थना करत....