इस ब्लॉग जगत के सौर मंडल में अनगिनत सितारे हैं
कहीं भानु प्रकाश कहीं शशि प्रकाश
कहीं रवि प्रभा कहीं शशि प्रभा
(यह उपमा इस ब्लॉग जगत के मूर्धन्य रचनाकारों के लिए है)
अपनी आभा से ब्लॉग जगत की शोभा निखारे हैं
इनकी आभा से झिलमिलाते हुए, टिमटिमाते हुए
कभी दीखते कभी छिपते,
उल्का पिंड की भांति कहीं बड़े बड़े सितारों से
टकराकर टूट न जाएँ, इस सोच के हम मारे हैं
आसरा है इस कहावत का
"मन के जीते जीत है मन के हारे हार"
हमारा ब्लॉग लेखन तो इसी के सहारे है.
जय जोहार...............
5 टिप्पणियां:
वाह बहुत बढीय़ा बस आपका ब्लाग इसी तरह चलता रहे शुभकामनायें
भाई वाह , अपनी मौलिकता लिए कुछ नया ही नज़र लग रहा है हमें यहाँ , आप अपनी छाप छोड़ने में कामयाब हैं , आपका सम्मान होगा
शुभकामनायें
"मन के जीते जीत है मन के हारे हार"
हमारा ब्लॉग लेखन तो इसी के सहारे है.
बहुत बढिया लिखा है .. बधाई एवं शुभकामनाएं !!
यहाँ कई नीहारिकाएं हैं, कई सौर-मण्डल तो कई चांद-सूरज हैं। बड़ा छिपा रुस्तम है। हम तो यहाँ डुबकी लगाते रहते हैं और न जाने कितने सितारों को अपने घर में टांक लिया है।
मन के जीते जीत है मन के हारे हार
-जय जोहार!!
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