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रविवार, 20 दिसंबर 2009

नवा साल आये बर बांचे हे दिन दस





नवा साल आये बर बांचे हे दिन दस 
अरे, आवत  हे जौन साल ओ हर आय सन दू हजार दस
पुन्नी के चंदा हा  ओखर स्वागत बर बने  खड़े रइही
 रौशनी बिखेर के  इहाँ हमन ला इही बात कइही
नई होवे ये साल, कोनो के घर  अंधियार
नाच गा के तहूँ अपन ख़ुशी मना ले यार 
फेर थोड केच  देरी माँ चंदा ला धर लेही  गरहन 
संसो माँ डार देहि मनखे मन ला के का होही अलहन 
अलहन के कमी नई ये;
आतंकी, नक्सली रोज खेलत हे खून के होली 
का वर्दी का बिन वर्दी वाले,गंवावत हे अपन परान 
कहूँ बारूदी सुरंग माँ फंसके, कहूँ खा के बन्दुक के गोली 
कुदरत के उपहार घलो हम सहेज के नई रख पावत हन
होवत हे गरम धरती महतारी एला जघा जघा गोहरावत हन 
आवौ कर लन आजे परतिग्या
ये खून के बोहैया मन ला सोझियाबो 
हथियार फेंके बर इनला जोजियाबो 
धरती मा  फेर हरियाली लाबो, 
नवा साल के स्वागत संगी,  अइसने करबो बस 
आवत हे नवा साल तौन हा आय सन  दू हजार दस 
जम्मो संगी संगवारी ला उंखर ऊपर एको ठन अलहन झन आवै 
बने ख़ुशी ख़ुशी बीते हर साल  एही शुभकामना के साथ जय जोहार
















3 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

बने हे! जय जोहार।

बी एस पाबला

36solutions ने कहा…

हमरो कोपरा-कोपरा शुभकामनां, अउ जोहार.

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

जोहार ले मयारु संगी, नवा बछर के गाड़ा-गाड़ा बधई,