ये गाड़ी हा धीमी गति के लोकल आय
रेंग डरे हे बड़े ब्लोगरीयन के गाड़ी बड़ दुरिहा
नई सकस तैं एखर दूरी नपाय
तोर गाड़ी त ट्रायल मा हे अभी
अढाई कोस तक हे पहुंचे पाय (चालीस पोस्ट होए हे )
मन हा कहत हे चलै भले धीरे
कछुआ सही आगू बढ़ते जाय
स्पीड ब्रेकर अब्बड अकन परही
तोर जी ओकर ले झन घबराय
टिपियावन पाए के लालसा मत राखबे
सुग्घर मेटर लिखावत जाय; अउ
घर ऑफिस के बूता निप्टाबे
इही मा झन रहिबे बिप्तियाय
(ये सब अपन मन ल कहत हौं)
जय जोहार...........
1 टिप्पणी:
हा हा हा!जोरदार गोठ लिखे हस गा। बने मजा आगे। बस लोकल मा एक्सप्रेस के ईजिन लगाना हे। फ़ेर जान दे गर गर गाड़ी ला, 40 लगे के बधई, बने संकरायत मनाव अऊ तिली गुड़ के लाड़ु खाव और जम्मो दोस्त मितान मन ला खवाव ईही कामना हे।
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