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बुधवार, 4 नवंबर 2009

ब्लॉगर बैठकी माँ बुलावा

सबो आदरणीय ब्लॉगर कवि, साहित्यकार मन ला मोर नमस्कार ! परन्दीन मैं रायपुर गे रेहेवं। संझा के बेरा रहय। अपन ममा इहाँ बैठे रहेवं। ओतके जुअर मोर मोबाइल के घंटी हा घन घनाईस। देख्थौं के संजीव तिवारी महराज के फरमान आय। तिवारी महराज हा कहिस के भिलाई के हिमालय काम्प्लेक्स माँ बड़े बड़े मन आय हवै। विशेष करके शरद कोकास भाई अउ ललित भाई। लेकिन का करों अपन परिवार संग गे रेहेवं। ओती राज्योत्सव मेला देखे ल जाना हे कहिके मोर नोनी के फरमाइश रहिस। बड अखरिस जी। अतेक सुग्घर मौका ला खो देवं अइसे लागिस। खैर उम्मीद हे ऐ मौका फेर मिलही जरूर। मोला सुरता करेव आप मन ओतके माँ मैं अपन आप ला धन्य समझे लगेवं। अब थोकन महूँ एक बात के मन माँ कल्पना कर डारेवं मुंगेरी लाल बरोबर ओला ऐ मेरन लिखत हंव। ओ दृश्य ला देखत हंव के हमन जम्मो झन बइठे हन अउ सब झन अपन अपन विचार व्यक्त करत हन। ले दे के मोर नंबर लागिस। मोर संबोधन शुरू होईस " आदरणीय भाई ललित शर्मा जी, शरद कोकास जी संजीव जी सहित जम्मो ब्लॉग जगत के बड़े बड़े महात्मा मन। मैं बहुत धन्य हो गेंव, आज आप मन मोला बलाएव। भाखा अउ बोली ताय बने लागिस त ठीक हे नइ त तोर जघा का रइही झन पूछ। एखरे खातिर मोर एक बिनती हे के कोनो के विचार ओखर रचना ला पहिली पढौ अउ सुनौ सुन के ओला गुनौ, बने लागिस त मंच बर चुनौ नइ त अइसे ओला धुनौ, के धुनें माँ पोनी हा कैसे बनथे सब झन बर उपयोगी गद्दा सुपेती अउ रजाई (अउ बहुत उपयोगी समान घलो बनथे, फेर अपन तुकबंदी खातिर लिख परेवं) ओइसने एखरो बिचार हा सबके काम आवै भाई कतेक बढ़िया दिन हे आज मोला आप मन संग बइठे के मौका मिलिस। पायेवं अपन बीच मा भाई संजीव ललित अउ शरद कोकास अपन प्रदेश बर कुछ करेके, ख़ुद के आगू बढे के जगिस मन माँ आस बिस्वास हे मोला पूरा नइ करहु मोला निरास जय छत्तीसगढ़

4 टिप्‍पणियां:

लोकेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा…

jyada samajh nhi paya bhaiya.....

शरद कोकास ने कहा…

सूर्यकांत भैया चिंता झन करौ । फेर मौका आही । हमर बैठकी में दू जन और रहीस भिलाई के पाबला जी औ स्टेट बैंक वाले ब्लॉगर अय्यर जी ये दुनो जन के ब्लॉग ला देखौ । दू-चार दिन में पाबला जी के बिलाग "ज़िन्दगी के मेले " मे बैठकी के रिपोट पढे बर मिलही । औ फोटो घलो ।

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

सुर्यकांत भैया- बने केहे ह्स गा, ब्लागर बैठकीच होगे रिही्श, गोठ बात चले तहान तोर सुरता करके फ़ोन लगावन, फ़ेर गोठ बात मा भुला जान, अतका सुन्दर लागिस जैइसे अपने परिवारे च हवे ग्यारा बजे के आय रेहेव अउ आठ बजगे भेलई मा। आप के अभिनंदन हवे जम्मो संगवारी फ़ेर कउनो दिन जुरियाबो अउ तहान फ़ेर गियान के गुरतुर गोठ चलही। आप मन सुरता करेव तेखर बर जय जोहार

सूर्यकान्त गुप्ता ने कहा…

आप जम्मो झन ला मोर परनाम. बहुत बहुत धन्यवाद् घलो अइसने हौसला
आफजाई करत रैहू . सलाह के घलो जरूरत हे जी. सोमवार के गरु-पुन्नी छेरछेरा
पुन्नी सबो रहिस त आप मन जैसे अब गुरु पा गे हवं. जैसे मई कोठी के धान
ल हेर हेरा कथें ओइसने आप मन के ज्ञान के कोठी ले मोरो बर निकाल्हू.
जय छत्तीसगढ़ महतारी.
अरे हाँ एक ठन बवाल आज पेपर माँ पढेव. अपने महतारी के
गान करे बर प्रतिबन्ध एक समूह द्वारा पारित करे जाथे. अउ ओला हुंकारू घलो मिलत
हे हमर देस के कर्णधार मन ले. सोचे के बात हे.