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सोमवार, 31 मई 2010

ब्लॉग जगत की लीला है अनुपम अपरम्पार

ब्लॉग जगत की लीला है अनुपम अपरम्पार
क्यों हम दांव पेंच में पड़ रहे,
बस, अब नहीं पड़ेंगे,
लिखते रहेंगे,  उमड़ते घुमड़ते विचार
क्योंकि.......
शब्द सँवारे बोलिए शब्द के हाथ न पाँव
एक शब्द औषधि करे एक शब्द करे घाव
सुप्रभात व जय जोहार.........

27 टिप्‍पणियां:

कडुवासच ने कहा…

शब्द सँवारे बोलिए शब्द के हाथ न पाँव
एक शब्द औषधि करे एक शब्द करे घाव
....छा गये गुप्ता जी ... आपने दीवाना बना दिया है ... बहुत बहुत बधाई !!!

कडुवासच ने कहा…

...डम डम डम डम ...!!!

कडुवासच ने कहा…

...बम बम बम बम ...!!!

honesty project democracy ने कहा…

बहुत बढ़िया गुप्ता जी ,लेकिन इन बुरका धारियों का कुछ न कुछ तो करना होगा ,क्योकि ये बुर्के में छिपकर न सिर्फ ब्लॉग लिख रहें हैं बल्कि अपने पापा का अता-पता है नहीं सभी ब्लोगरों का पापा बने घूम रहें हैं ? ऐसे बुरका धारी ब्लॉग जगत ही नहीं सारी इंसानियत के लिए कलंक हैं और मानसिक रोगी हैं ,ये सामने आयें तो इनका इलाज भी किया जा सके लेकिन ये इतने मुर्ख हैं की इनको सिर्फ और सिर्फ मुर्खता ही पसंद है | ऐसे मूर्खों को ये नहीं पता की जिस तरीके को ये अपना रहें हैं ,वैसे तरीकों को छुडवाने का काम करने का महाविद्यालय हम चला रहें हैं,एक संडास के तेल के वार से इनकी दिमागी दुर्बलता दूर की जा सकती है !

honesty project democracy ने कहा…

बहुत बढ़िया गुप्ता जी ,लेकिन इन बुरका धारियों का कुछ न कुछ तो करना होगा ,क्योकि ये बुर्के में छिपकर न सिर्फ ब्लॉग लिख रहें हैं बल्कि अपने पापा का अता-पता है नहीं सभी ब्लोगरों का पापा बने घूम रहें हैं ? ऐसे बुरका धारी ब्लॉग जगत ही नहीं सारी इंसानियत के लिए कलंक हैं और मानसिक रोगी हैं ,ये सामने आयें तो इनका इलाज भी किया जा सके लेकिन ये इतने मुर्ख हैं की इनको सिर्फ और सिर्फ मुर्खता ही पसंद है | ऐसे मूर्खों को ये नहीं पता की जिस तरीके को ये अपना रहें हैं ,वैसे तरीकों को छुडवाने का काम करने का महाविद्यालय हम चला रहें हैं,एक संडास के तेल के वार से इनकी दिमागी दुर्बलता दूर की जा सकती है !

honesty project democracy ने कहा…

बहुत बढ़िया गुप्ता जी ,लेकिन इन बुरका धारियों का कुछ न कुछ तो करना होगा ,क्योकि ये बुर्के में छिपकर न सिर्फ ब्लॉग लिख रहें हैं बल्कि अपने पापा का अता-पता है नहीं सभी ब्लोगरों का पापा बने घूम रहें हैं ? ऐसे बुरका धारी ब्लॉग जगत ही नहीं सारी इंसानियत के लिए कलंक हैं और मानसिक रोगी हैं ,ये सामने आयें तो इनका इलाज भी किया जा सके लेकिन ये इतने मुर्ख हैं की इनको सिर्फ और सिर्फ मुर्खता ही पसंद है | ऐसे मूर्खों को ये नहीं पता की जिस तरीके को ये अपना रहें हैं ,वैसे तरीकों को छुडवाने का काम करने का महाविद्यालय हम चला रहें हैं,एक संडास के तेल के वार से इनकी दिमागी दुर्बलता दूर की जा सकती है !

honesty project democracy ने कहा…

बहुत बढ़िया गुप्ता जी ,लेकिन इन बुरका धारियों का कुछ न कुछ तो करना होगा ,क्योकि ये बुर्के में छिपकर न सिर्फ ब्लॉग लिख रहें हैं बल्कि अपने पापा का अता-पता है नहीं सभी ब्लोगरों का पापा बने घूम रहें हैं ? ऐसे बुरका धारी ब्लॉग जगत ही नहीं सारी इंसानियत के लिए कलंक हैं और मानसिक रोगी हैं ,ये सामने आयें तो इनका इलाज भी किया जा सके लेकिन ये इतने मुर्ख हैं की इनको सिर्फ और सिर्फ मुर्खता ही पसंद है | ऐसे मूर्खों को ये नहीं पता की जिस तरीके को ये अपना रहें हैं ,वैसे तरीकों को छुडवाने का काम करने का महाविद्यालय हम चला रहें हैं,एक संडास के तेल के वार से इनकी दिमागी दुर्बलता दूर की जा सकती है !

honesty project democracy ने कहा…

बहुत बढ़िया गुप्ता जी ,लेकिन इन बुरका धारियों का कुछ न कुछ तो करना होगा ,क्योकि ये बुर्के में छिपकर न सिर्फ ब्लॉग लिख रहें हैं बल्कि अपने पापा का अता-पता है नहीं सभी ब्लोगरों का पापा बने घूम रहें हैं ? ऐसे बुरका धारी ब्लॉग जगत ही नहीं सारी इंसानियत के लिए कलंक हैं और मानसिक रोगी हैं ,ये सामने आयें तो इनका इलाज भी किया जा सके लेकिन ये इतने मुर्ख हैं की इनको सिर्फ और सिर्फ मुर्खता ही पसंद है | ऐसे मूर्खों को ये नहीं पता की जिस तरीके को ये अपना रहें हैं ,वैसे तरीकों को छुडवाने का काम करने का महाविद्यालय हम चला रहें हैं,एक संडास के तेल के वार से इनकी दिमागी दुर्बलता दूर की जा सकती है !

honesty project democracy ने कहा…

बहुत बढ़िया गुप्ता जी ,लेकिन इन बुरका धारियों का कुछ न कुछ तो करना होगा ,क्योकि ये बुर्के में छिपकर न सिर्फ ब्लॉग लिख रहें हैं बल्कि अपने पापा का अता-पता है नहीं सभी ब्लोगरों का पापा बने घूम रहें हैं ? ऐसे बुरका धारी ब्लॉग जगत ही नहीं सारी इंसानियत के लिए कलंक हैं और मानसिक रोगी हैं ,ये सामने आयें तो इनका इलाज भी किया जा सके लेकिन ये इतने मुर्ख हैं की इनको सिर्फ और सिर्फ मुर्खता ही पसंद है | ऐसे मूर्खों को ये नहीं पता की जिस तरीके को ये अपना रहें हैं ,वैसे तरीकों को छुडवाने का काम करने का महाविद्यालय हम चला रहें हैं,एक संडास के तेल के वार से इनकी दिमागी दुर्बलता दूर की जा सकती है !

honesty project democracy ने कहा…

बहुत बढ़िया गुप्ता जी ,लेकिन इन बुरका धारियों का कुछ न कुछ तो करना होगा ,क्योकि ये बुर्के में छिपकर न सिर्फ ब्लॉग लिख रहें हैं बल्कि अपने पापा का अता-पता है नहीं सभी ब्लोगरों का पापा बने घूम रहें हैं ? ऐसे बुरका धारी ब्लॉग जगत ही नहीं सारी इंसानियत के लिए कलंक हैं और मानसिक रोगी हैं ,ये सामने आयें तो इनका इलाज भी किया जा सके लेकिन ये इतने मुर्ख हैं की इनको सिर्फ और सिर्फ मुर्खता ही पसंद है | ऐसे मूर्खों को ये नहीं पता की जिस तरीके को ये अपना रहें हैं ,वैसे तरीकों को छुडवाने का काम करने का महाविद्यालय हम चला रहें हैं,एक संडास के तेल के वार से इनकी दिमागी दुर्बलता दूर की जा सकती है !

honesty project democracy ने कहा…

बहुत बढ़िया गुप्ता जी ,लेकिन इन बुरका धारियों का कुछ न कुछ तो करना होगा ,क्योकि ये बुर्के में छिपकर न सिर्फ ब्लॉग लिख रहें हैं बल्कि अपने पापा का अता-पता है नहीं सभी ब्लोगरों का पापा बने घूम रहें हैं ? ऐसे बुरका धारी ब्लॉग जगत ही नहीं सारी इंसानियत के लिए कलंक हैं और मानसिक रोगी हैं ,ये सामने आयें तो इनका इलाज भी किया जा सके लेकिन ये इतने मुर्ख हैं की इनको सिर्फ और सिर्फ मुर्खता ही पसंद है | ऐसे मूर्खों को ये नहीं पता की जिस तरीके को ये अपना रहें हैं ,वैसे तरीकों को छुडवाने का काम करने का महाविद्यालय हम चला रहें हैं,एक संडास के तेल के वार से इनकी दिमागी दुर्बलता दूर की जा सकती है !

honesty project democracy ने कहा…

बहुत बढ़िया गुप्ता जी ,लेकिन इन बुरका धारियों का कुछ न कुछ तो करना होगा ,क्योकि ये बुर्के में छिपकर न सिर्फ ब्लॉग लिख रहें हैं बल्कि अपने पापा का अता-पता है नहीं सभी ब्लोगरों का पापा बने घूम रहें हैं ? ऐसे बुरका धारी ब्लॉग जगत ही नहीं सारी इंसानियत के लिए कलंक हैं और मानसिक रोगी हैं ,ये सामने आयें तो इनका इलाज भी किया जा सके लेकिन ये इतने मुर्ख हैं की इनको सिर्फ और सिर्फ मुर्खता ही पसंद है | ऐसे मूर्खों को ये नहीं पता की जिस तरीके को ये अपना रहें हैं ,वैसे तरीकों को छुडवाने का काम करने का महाविद्यालय हम चला रहें हैं,एक संडास के तेल के वार से इनकी दिमागी दुर्बलता दूर की जा सकती है !

honesty project democracy ने कहा…

बहुत बढ़िया गुप्ता जी ,लेकिन इन बुरका धारियों का कुछ न कुछ तो करना होगा ,क्योकि ये बुर्के में छिपकर न सिर्फ ब्लॉग लिख रहें हैं बल्कि अपने पापा का अता-पता है नहीं सभी ब्लोगरों का पापा बने घूम रहें हैं ? ऐसे बुरका धारी ब्लॉग जगत ही नहीं सारी इंसानियत के लिए कलंक हैं और मानसिक रोगी हैं ,ये सामने आयें तो इनका इलाज भी किया जा सके लेकिन ये इतने मुर्ख हैं की इनको सिर्फ और सिर्फ मुर्खता ही पसंद है | ऐसे मूर्खों को ये नहीं पता की जिस तरीके को ये अपना रहें हैं ,वैसे तरीकों को छुडवाने का काम करने का महाविद्यालय हम चला रहें हैं,एक संडास के तेल के वार से इनकी दिमागी दुर्बलता दूर की जा सकती है !

honesty project democracy ने कहा…

बहुत बढ़िया गुप्ता जी ,लेकिन इन बुरका धारियों का कुछ न कुछ तो करना होगा ,क्योकि ये बुर्के में छिपकर न सिर्फ ब्लॉग लिख रहें हैं बल्कि अपने पापा का अता-पता है नहीं सभी ब्लोगरों का पापा बने घूम रहें हैं ? ऐसे बुरका धारी ब्लॉग जगत ही नहीं सारी इंसानियत के लिए कलंक हैं और मानसिक रोगी हैं ,ये सामने आयें तो इनका इलाज भी किया जा सके लेकिन ये इतने मुर्ख हैं की इनको सिर्फ और सिर्फ मुर्खता ही पसंद है | ऐसे मूर्खों को ये नहीं पता की जिस तरीके को ये अपना रहें हैं ,वैसे तरीकों को छुडवाने का काम करने का महाविद्यालय हम चला रहें हैं,एक संडास के तेल के वार से इनकी दिमागी दुर्बलता दूर की जा सकती है !

Udan Tashtari ने कहा…

सही निर्णय!

दिलीप ने कहा…

bahutahi badhiya sirji...waise bhi pachde me pad kar kuch milta nahi na khud ko na samaaj ko...jay johaar

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

बने कहत हस दाऊ
हाथी चले बजार कुकुर भोंके हजार्।

लौड़ी(तेंदु के ठेंगा) धरे ला झन भुलाबे
चाब घलो दे थे सारे मन

जय हो
जोहार ले

arvind ने कहा…

शब्द सँवारे बोलिए शब्द के हाथ न पाँव
एक शब्द औषधि करे एक शब्द करे घाव
सुप्रभात व जय जोहार.........

Randhir Singh Suman ने कहा…

nice

पापा जी ने कहा…

@honesty project democracy
पुत्र
तू कुछ ज्यादा व्याकुल दिखाई पड रहा है
क्या पापा जी ने तेरी दुखती रत पर लात रख दी है यदि नहीं तो क्यों बेचैन होकर छटपटाता भटक रहा है
पापा जी

पापा जी ने कहा…

पुत्र
आज तेरी लेखनी हीरे की तरह चमक रही है
बधाई
पापा जी

शिवम् मिश्रा ने कहा…

जात ना पूछे .................पात ना पूछे ................. ना पूछेगा तेरा धर्मा...........रुब तेरा पूछेगा ओह बन्दे .................क्या था तेरा कर्मा !!

राजकुमार सोनी ने कहा…

घटोत्कछ, मसीहा, कूप कृष्ण,टिपौतीलाल,भूतनी, भूतनाथ और जलजला के बाद पापाजी.. जय हो ब्लागजगत की जय हो।

बेनामी ने कहा…

बढ़िया है!

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" ने कहा…

जय हो!
एकदम बढिया रचना....

आचार्य उदय ने कहा…

वत्स
तुम प्रसन्न ब्लागर हो।
आशीर्वाद
आचार्य जी

मिलकर रहिए ने कहा…

सच ! अभी पुरुष में इतनी ताकत नहीं, जो मेरा सामना करे, किसमें है औकात ? http://pulkitpalak.blogspot.com/2010/05/blog-post_31.html मुझे याद किया सर।