आईए मन की गति से उमड़त-घुमड़ते विचारों के दांव-पेंचों की इस नई दुनिया मे आपका स्वागत है-कृपया टिप्पणी करना ना भुलें-आपकी टिप्पणी से हमारा उत्साह बढता है

रविवार, 4 सितंबर 2016

तीजा तिहार...


तीजा तिहार...

पगे प्रेम रस चासनी, नाता रिश्ता मान ले।
हम तिहार सब मानथन, एकर खातिर जान ले।।

उमा उमापति प्रेम तो, उदाहरन संसार के।
हे तिहार तीजा सुनौ, पति पत्नी के प्यार के।।

बहिनी भउजी दाइ मन, रथें अगोरत तीज ला।
राखे रथें सँजोय के, मया पिरित के चीज ला।।

मइके के अड़बड़ मया, ले बर जाथे भाइ हा।
ठेठरी खुरमी राँधथे, लुगरा राखै दाइ हा।।

बिन अहार पानी बिना, करथें कठिन उपास जी।
जगैं रात पूजा रखैं, शिव गौरी के खास जी।।

किरपा भोलेनाथ अउ, पारबती करहीं सदा।
सुखी रहै परिवार सब, बने रहैं दाई ददा।।

जय जोहार....
जम्मो तिजहारिन मन ला
तीजा के गाड़ा गाड़ा बधाई ..।..

सूर्यकांत गुप्ता
सिंधिया नगर दुर्ग (छ.ग.)
(चित्र गूगल से साभार)