आज तारीख है एक जून
दैनिक अखबार "दैनिक भास्कर"
का मुखपृष्ठ सजा है बड़े बड़े अक्षरों
में लिखे शीर्षक से "गर्मी के दिन चार"
याने कुछ ही दिनों में प्रवेश
करेगा मान सून, आएगी बरखा बहार
हे ईश्वर मत पड़ने देना काली छाया
"सूखे" की, न ही दिखाना बाढ़ का
विकराल रूप, न फेर देना पानी किसानो
की उम्मीदों पर, बाट जोहते रहता है
निहारते रहता है आसमा की ओर
होता है वह महीना अंग्रेजी का "जून"
कम से कम मिलेगी तो रोटी उसे एक जून
जय जोहार........
6 टिप्पणियां:
bas yahi manokaamna hamari bhi hai sirji...jay johar...
ख़बर है ज़ोरदार...!
"गर्मी के दिन चार"...!!!
होता है वह महीना अंग्रेजी का "जून"
कम से कम मिलेगी तो रोटी उसे एक जून
जय जोहार........
बढिया समाचार...वो भी काव्य रूप में.
"गर्मी के दिन चार"......काश इस गर्मी से शीघ्र मुक्ति मिले...बरखा रानी सब पर मेहरबान हो.
क्रोध पर नियंत्रण स्वभाविक व्यवहार से ही संभव है जो साधना से कम नहीं है।
आइये क्रोध को शांत करने का उपाय अपनायें !
...सुन्दर प्रस्तुति ...जोहार !!!
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