क्रोध पर नियंत्रण का बोध हुआ कि नही (जानते सभी हैं, पर ......)
आचार्य जी के दर्शन कैसे होंगे, कौन हैं,
इस पर शोध हुआ कि नहीं,
इन्हें कहा जाय, शान्ति के उपाय
शीघ्र बताएं. वैसे क्रोध हमें है नहीं सताय
हरि ॐ तत्सत!
और चूंकि छत्तीसगढ़ी हमारी मात्री बोली है
इसलिए
जय जोहार.........
1 टिप्पणी:
चतुराई चुल्हे पड़ी,घूरे पड़ा अचार
अइसने केहे हे गा दाऊ जी
अब पाछु ला तै जान
जय गंगान
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