"ॐ हं हनुमते नमः " = बात पते की + ताकीद करने का ढंग एकदम से हथौड़े की मार जैसा न हो + रविवार अवकाश, काश बीता होता छुट्टी जैसे
हमारे ये तीनो पोस्ट तीन (३) का पहाड़ा कह रहा है. पूछेंगे कैसे? देखिये तीन पोस्ट पर तो भैया ३-३ दुआएं मिली हैं. चौथी पोस्ट पर ९ लोगों की प्रतिक्रया मिली है. सो हुआ कि नही?
तात्पर्य:- ९ = ३+३+३
अनायास इस तरह के संयोग बन जाते हैं.
जय जोहार.........
11 टिप्पणियां:
बहुत बढ़िया ......
जय जोहार.........
badhiya sirji jay johaar
अजी आप पर बगल वाले बाबा जी की फुल कृ्पा है. इसे उन्ही का पुण्य प्रसाद समझिए:)
ये तो अच्छे संयोग प्रतीत होते हैं. कुछ दिन में ही ९ X ९ =८१ का संयोग बनता नजर आ रहा है. शुभकामनाएँ.
nice
आदर्बणीय शर्मा जी प्रणाम! बगल वाले बाबा की क्रिपा तो है ही जिन्होने यहां के लिये द्वार दिखाया और हमे इसके नशे मे चूर कराया। लेकिन आप सबकी क्रिपा द्रिष्टि भी कम नही है जिनके चलते ब्लोग के इस मुकाम तक पहुन्च पाया।
अच्छी प्रगति।
....निरंतर सफ़लताएं ...बधाई !!!
अपन ब्लॉग म आईसकिरिम खात दिल्ली के नेता मन के फोटू घलो लगा ले भईया समीर लाल जी के कहना तुरते सच हो जाही.
ab to 9 se jayada comments aa chuke hain.
चलो बारहवीं टिप्पणी हम कर देते हैं 3+3+3+3= 12 हुए ना
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