(३)
चिट्ठा चर्चा
अपने ब्लॉगर मित्रों की प्रतिभा से वाकिफ
कराने का अच्छा प्लेट-फॉर्म
किन्तु किन्ही किन्ही को लगता
चर्चे के ऊपर चर्चा, चर्चे के चर्चे के ऊपर चर्चा
अरे लिखते चलो अपने ब्लॉग में रचनाएं
यहाँ लगे रहना याने होता है फ़िज़ूल में
टाइम खर्चा
(४)
ब्लॉगवाणी
अपनी वाणी को लेखन के सहारे
जन जन तक पहुंचाने वालों को इंगित करना
कि देखिये, आपकी रचना ब्लॉग वाणी में दिखाई जा रही है
लोगों को भा रही है, अनवरत लिखते जाइए
सक्रियता क्रमांक पर डालते रहिये नज़र
इस तकनीक द्वारा आपकी गाड़ी किस कदर आगे बढ़ाई जा रही है.
बार बार मुंह खुल रहा, आ रही है खूब जम्हाई
यह लिख के अब मैं जा रहा हूँ सोने भाई.
जय जोहार.
5 टिप्पणियां:
waah Suryakaant ji...
ब्लॉगवाणी ने खबर बताई तो हमने उड़नतश्तरी इस तरफ घुमाई. :)
ले सुत जा ज्यादा जागरण ठीक नई हे,बिहनिया आफ़िस घलो जाए ला लागथे। बुलाग लिखे के काम ठेलहा मन के हवे। रिटायर होबे त बने लिखबे।
वैसे हमर भैया ला बने हर्रस ले बेधे हस।
अइसन अलहन झन करे कर,बड़ पिरावत होही।
जोहार ले
बार बार मुंह खुल रहा, आ रही है खूब जम्हाई
यह लिख के अब मैं जा रहा हूँ सोने भाई
भई वाह..
nice
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