मैच की जीत,
कप्तान बन जाता है मीडिया का मीत
छपता है शीर्षक "धोनी के धुरंधरों के आगे
विरोधी हो गए ढेर"
वाह क्या बात है बन जाते हैं टीम के
खिलाड़ी "बब्बर शेर"
शौक से टी वी चेनल दिखाता है
हर नई रंगीन पार्टी का सीन
राष्ट्रीय खेल "हाकी" दर किनार रख
उसे बना दिया जाता है दीन हीन
कौन नहीं जानता
इस खेल पर "लक्ष्मी कृपा" असीम है
हार क्या हुई, तरह तरह की
आलोचना रुपी गेंदे फेंकी जा रही है, मत पूछिए,
क्या लाइन है, लेंग्थ है, क्या "सीम" है
किसी भी चीज के लिए आवश्यक होता है जज्बा. जब दिल में देश के प्रति जज्बा उमडेगा, दृष्टि होगी लक्ष्य पर. लक्ष्य याने विजय, और विजय प्राप्त हो सकता है अनुशासन में रहकर. दर असल हमारे भारत में टाइम पास करने वालों की कमी नहीं है. हमारी तरह. किरकिट शुरू हुआ नहीं की चिपक गए दूर दर्शन से. "ऎसी दीवानगी देखी कभी नहीं" किसी फिलम के गाने की लाइन इस खेल पर लागू होती है. बड़े बड़े धनाढ्य लुटाते हैं पैसा इस पर. कुल मिलाकर मानस है मद मस्त. जितना भी कहें, लिखें, कम है.
जय जोहार. .......
4 टिप्पणियां:
आलोचना रुपी गेंदे फेंकी जा रही है, मत पूछिए,
क्या लाइन है, लेंग्थ है, क्या "सीम" है
बने बॉलिंग किजिए,मिडिल स्टम्प गिरना चाहिए
तब समझगें कि आपका लाईन लेंथ ठीक है।
और कपिल देव से मिलने का अवसर मिलेगा।
आभार
सही कहा आपने।
... बोल्ड !!!
...आऊट !!!
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